उत्तराखंड के दर्रे |
उत्तराखंड के दर्रे
उत्तराखंड में विभिन्न प्राकृतिक दर्रों की बात करें, जो पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित हैं। ये दर्रे गहरे घाटियों और जलवायु विविधता से भरपूर होते हैं, जैसे कि कालीचुंडी दर्रा, मुंस्यारी दर्रा, खालिया दर्रा, और माल्वान दर्रा। इन दर्रों में अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीवन की खासियत होती है।
दर्रा किसे कहते हैं
दो पर्वतों या पहाडों के मध्य स्थित प्राकृतिक मार्ग को दर्रा कहते हैं। दर्रों को अन्य नामों से भी जाना जाता है।
जैसे – दर्रा, गिरिद्वार, धुरा, पास, या हिमद्वार इत्यादि नामों से भी जाना जाता है।
गिरिद्वार
गिरिद्वार भारतीय राज्य उत्तराखंड के एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है, जहां गंगा नदी को वायुकपा धर्म द्वार तक पहुँचाती है।
हिमद्वार
हिमद्वार उत्तराखंड का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो गंगा नदी का प्रारम्भिक ब्रह्मप्रयाग से पश्चिमी मुख्य द्वार (हरिद्वार) है।
दर्रा किन्हीं दो देशों के मध्य, किन्हीं दो राज्यों के मध्य या किसी दो जिल्लों के मध्य या किसी क्षेत्र के अन्दर हो सकता है।
उत्तरकाशी में स्थित दर्रे
उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिल्ले में श्रृगकंठ दर्रा स्थित है। जो उत्तराखंड को हिमाचलप्रदेश से जोड़ता है। श्रीगकंठ दर्रा उत्तराखंड का सबसे पश्चिमी दर्रा है। यह दर्रा दो राज्यों को जोड़ने वाला उत्तराखंड एक मात्र दर्रा है।
उत्तरकाशी और तिब्बत के मध्य स्थित दर्रे
उत्तरकाशी और तिब्बत के मध्य 4 प्रमुख दर्रे स्थित हैं।
- थांग्ला दर्रा – 6079 मी.
- मुलिंग ला दर्रा – 5669 मी.
- नेलंग ला दर्रा
- सांगचोकला दर्रा
उत्तरकाशी और चमोली के मध्य स्थित दर्रे
उत्तरकाशी और चमोली के मध्य 1 मात्र दर्रा स्थित है।
- कालिंदी दर्रा।
चमोली और तिब्बत के मध्य स्थित दर्रे
उत्तराखंड के चमोली जिल्ले में सर्वाधिक दर्रे स्थित है।
- बालचा धुरा दर्रा – 5844 मी.
- माणा (डुंगरी ला) दर्रा। – 5608 मी.
- नीति दर्रा।
- किंगरी-बिंगरी दर्रा। – 5550 मी.
- लमलंग दर्रा।
- चौरहोती दर्रा।
- शलशला दर्रा।
- घाटरलिया दर्रा।
- कोई दर्रा।
- म्यूंंडार दर्रा।
- तन्जुन दर्रा।
चमोली और पिथौरागढ़ के मध्य स्थित दर्रे
- लातु धुरा दर्रा। – 6389
- बाराहोती दर्रा। – 5985
- मार्च योक दर्रा।
- टोपी धुरा दर्रा।
चमोली और बागेश्वर के मध्य स्थित दर्रे
- सुंदरढुंगा दर्रा।
पिथौरागढ़ और तिब्बत के मध्य स्थित दर्रे
- लम्पिया धुरा दर्रा। – 5600 मी.
- लेविधुरा दर्रा। – 5580 मी.
- मन्स्या दर्रा। – 5500 मी.
- दारमा – नवीधुरा ।
- ऊंटा जयंती दर्रा।
- लिपुलेख दर्रा।
उत्तराखंड का सबसे पूर्वी दर्रा लिपुलेख दर्रा है। इसे ट्राय जंक्शन दर्रा भी कहते हैं। क्योंकि यह दर्रा भारत, चीन और नेपाल को आपस में जोड़ता है। और इसी दर्रे के मध्य भारत, चीन और नेपाल के मध्य कई बार विवाद होता रहता है।
ट्राय जंक्शन दर्रा – ऐसा दर्रा जो एक से अधिक देशों को आपस में जोडता है। उसे ट्राय जंक्शन दर्रा कहते हैं।
बागेश्वर और पिथौरागढ़ के मध्य स्थित दर्रे
बागेश्वर और पिथौरागढ के मध्य एक मात्र ट्रेल पास दर्रा स्थित है।
चंपावत और पिथौरागढ के मध्य स्थित दर्रा
चंपावत और पिथौरागढ के मध्य एक मात्र लासपा दर्रा स्थित है।
पिथौरागढ में स्थित दर्रा
शिनला दर्रा पिथौरागढ का मात्र एक ऐसा दर्रा है जो न किसी देश को आपस मे जोड़ता है और न ही किसी राज्य और जिल्ले को आपस में जोडता है। शिनला दर्रा सिर्फ पिथौरागढ में ही स्थित है।
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उत्तराखंड के राष्ट्रीय उद्यान
FAQ – उत्तराखंड के राष्ट्रीय उद्यान
दो पर्वतों या पहाड्रों के मध्य स्थित प्राकृतिक मार्ग या पास को दर्रा कहते हैं। दर्रों को दर्रा, गिरिद्वार, धुरा या पास इत्यादि नामों से भी जाना जाता है। श्रृगकंठ दर्रा उत्तराखंड को हिमाचलप्रदेश राज्य से जोड़ता है। श्रृगकंठ दर्रा उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिल्ले में स्थित है। कालिंदी दर्रा उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी और चमोली के मध्य 1 मात्र दर्रा स्थित है। थांग्ला दर्रा उत्तरकाशी जिल्ले में स्थित है। सुंदरढुंगा दर्रा उत्तराखंड राज्य के चमोली और बागेश्वर जिल्ले के मध्य स्थित दर्रा है। लिपुलेख दर्रे को ट्राय जंक्शन दर्रा कहा जाता है। क्योंकि इस दर्रे पर भारत, चीन और नेपाल सीमाएं आपस में मिलते हैं। ऐसा दर्रा जो एक से अधिक देशों की सीमाओं को आपस में जोडता है। उसे ट्राय जंक्शन दर्रा कहते हैं।दर्रा किसे कहते हैं?
दर्रों को अन्य किन-किन नामों से जाना जाता है?
कौन-सा दर्रा उत्तराखंड को हिमाचल राज्य से जोड़ता है?
श्रृगकंठ दर्रा कहां स्थित है?
कालिंदी दर्रा कहां स्थित है?
थांग्ला दर्रा कहां स्थित है?
सुंदरढुंगा दर्रा कहां स्थित है?
किस दर्रे को ट्राय जंक्शन दर्रा कहा जाता है?
ट्राय जंक्शन किसे कहते है?