भारत की बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएं

भारत की बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएं


बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएं 

ऐसा बहुउद्देशीय नदी घाटी Project (परियोजना) जो आपके बहु उद्देशयों को पूरा करते हो उसे बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएं कहते हैं। बहुउद्देशीय परियोजनाओं के अन्‍तर्गत डैम, जल संग्रहण क्षेत्र, नहरें, विद्युत उत्‍पादन इत्‍यादि । यहां पर परियोजना तो एक है, लेकिन उस एक परियोजना ने हमारे बहुत सारे उद्देश्‍यों को पूरा किया। और ये परियोजना नदी पर बनाया गया है। इसीलिए हम इन परियोजनाओं को ब‍हुउद्देशीय नदी घाटी पर‍ियोजनाएं कहते हैं।

 


पंडित जवाहरलाल नेहरू ने बहुउद्देशीय परियोजनाओं को आ‍धुनिक भारत का मन्दिर और तीर्थ स्‍थल कहा।

बहुउद्देशीय परियोनाओं के उद्देश्‍य

  • पेयजल
  • सिंचाई
  • बाढ़ नियंत्रण
  • जल विद्युत उत्‍पाद
  • पर्यटन
  • जल परिवहन

 


1. दामोदर घाटी परियोजना

दामोदर घाटी परियोजना स्‍वतंत्र भारत की पहली परियोजना है। जिसे 1948 में बनाया गया था। इस परियोजना का लाभ झारखंड और पश्चिम बंगाल को मिलता है। व इस परियोजना से 1050 मेगा वाट विद्युत का उत्‍पादन किया जाता है।

जब हम कहते है दामोदर घाटी परियोजना या नर्मदा घाटी परियोजना तो उसमें एक बांध नहीं होता है। उसमें बहुत सारे बांध आते हैं।

दमोदर नदी को प्रदूषण के कारण जैव मरूस्‍थल कहा जाता है। जहां-जहां पर औद्योगिक क्षेत्र होता है वहां की नदियां बहुत ही ज्‍यादा प्रदूषित होती है।

दामोदर घाटी परियोजना के अन्‍तर्गत आने वाले बांध

  • तिलैया बांध (बराकर नदी)
  • कोनार बांध (कोनार नदी)
  • पंचेत बांध
  • मिथुन बांध

 

बराकर और कोनार नदी दामोदर नदी की सहायक न‍दीया हैं। व बराकर नदी पर तिलैया बांध है और कोनार नदी पर कोनार बांध और पंचेत बांध है। ये चारों बांध (तिलैया , कोनार,  पंचेत, और मैथन बांध) मिलकर बनाते हैं। दामोदर घाटी परियोजना को।

 


2. भाखड़ा नांगल परियोजना

भाखड़ा नांगल परियोजना 325 मैगा वाट की परियोजना है। जो हिमाचल प्रदेश और पंजाब में सतलुज नदी पर निर्मित एक बहुउद्देश्‍य परियोजना है।

सतलुज नदी पहले हिमाचल से गुजरती है। और हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी पर भाखड़ा बांध बनाया गया है। और फिर सतलुज नदी पंजाब में प्रवेश करती है। जहां सतलुज नदी पर दूसरा बांध (नांगल बांध बनाया गया है। जो पंजाब राज्‍य में पड़ता है। तो इन दोनों बांधों के मिलने से निर्माण होता है, भाखड़ा नांगल परियोजना का।

भाखड़ा बांध के पीछे के (जल संग्राहक) या जल संग्रहण क्षेत्र को गोविंद सागर झील कहा जाता है। जो हिमाचल प्रदेश में पड़ता है। इस परियोजना का लाभ हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्‍थान और दिल्‍ली जैसे राज्‍यों को पानी सप्‍लाई किया जाता है।

विशेषताएं 

भाखड़ा बांध एक प्रकार का कंक्रीट ग्रेवि‍टी डैम ( कंक्रीट गुरूत्‍वाकर्षण बांध है। और भारत को तीसरा सबसे बड़ा जल संग्रहण बांध है। जिसे पंडित जवहारलाल नेहरू ने उभरते भारत का नया मंदिर कहा था।

 

कुछ महत्‍वपूर्ण बांध

  • भारत का सबसे पुराना बांध – कल्लनई बांध/ ग्रैंड एनीकट बांध है। जो भारत के तमिलनाडु राज्‍य के तंजावर जिल्‍ले में कावेरी नदी पर स्थित है। इस बांध का निर्माण चोल राजाओं के द्वारा किया गया था।
  • भारत का सबसे ऊंचा बांध – टिहरी बांध है।
  • भारत कर सबसे लंबा बांध – हीराकुंड बांध है।

 

जल संग्रहण के आधार पर बांध

  • जल संग्रहण के आधार पर भारत का सबसे बड़ा बांध – (इंदिरा सागर बांध) जो नर्मदा नदी पर स्थित पुनासा खंडवा में है।
  • जल संग्रहण के आधार पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा बांध –  नागार्जुन सागर बांंध जो आंध्र प्रदेश में कृष्‍णा नदी पर स्थित है।
  • व जल संग्रहण के आधार पर भारत का तीसरा सबसे बड़ा बांध भाखड़ा नांगल बांध है।

 

 


3. रिहंद नदी परियोजना

रिहंद सोन नदी की एक सहायक नदी है। जो रिहंद पर स्थित है। जो उत्तरप्रदेश राज्‍य के सोनभद्र नामक स्‍थान पर स्थित है। रहिंद पर एक रिहंद नामक परियोजना बनाई गई। इस परियोजना के जल संग्रहण क्षेत्र को गोविंद बल्‍लभ पंत सागर झील कहते हैं। जो भारत की सबसे बड़ी (Artificial lake) कृत्रिम झील है।

गोविंद बल्‍लभ पंत उत्तप्रदेश के पहले मुख्‍यमंत्री रहे हैं। व साथ ही इन्‍होंने केन्‍द्र स्‍तर पर Home ministry के पद पर कार्यरत रह चुके हैं।

 


4. हीराकुंड बांध परियोजना

हीराकुंड बांध परियोजना

  • हीराकुंड बांध महानदी पर निर्मित भारत का सबसे लंबा बांध है। जो भारत के उड़ीसा राज्‍य में स्थित है।
  • इस बांध का निर्माण महानदी के द्वारा आने वाले बाढ़ को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया था।
  • इस परियोजना के तहत तीन बांधों का निर्माण किया गया।
  1. हीराकुंड बांध।
  2. तिकरपाड़ा।
  3. बैराज। 

5. टिहरी बां परियोजना

टिहरी बांध परियोजना

 

  • यह भारत का सबसे ऊंचा बांध है – 260 मीटर।
  • जो उत्तराखंड राज्‍य के टिहरी जिल्‍ले में  भागीरथी और भिलागना के संगम पर स्थित है।
  • यह बांध भूकंप वाले क्षेत्र में स्थित है। अर्थात ये बांध उस इलाके में स्थित है जहां पर भूकंप आने की बहुत ज्‍यादा संभावना रहती है। इसी कारण इस क्षेत्र को 5वें जोन में रखा गया है।
  • टिहरी बांध के जल संग्रहण क्षेत्र को स्‍वामी रामतीर्थ नाम दिया गया है।
  • यह बांध Rock fill (चट्टान आपूरति) बांध है।
  • इस बांध की विद्युत उत्‍पादन की अधिकतम क्षमता 2400 MW की है, वर्तमान समय में इस बांध से 100  MW की विद्युत का उत्‍पादन किया जा रहा है।

6. इंदिरा गांधी नहर

इंदिरा गांधी नहर हिमाचल प्रदेश में स्थित है। हिमाचल प्रदेश में व्‍यास कुंड से निकलने वाली व्‍यास नदी और तिब्‍बत के राक्‍स ताल झील से निकलने वाली नदी का हिमाचल प्रदेश के जिस इलाके में इन दोनों नदियों का मिलन होता है। उस स्‍थान पर हरिके बैराज बनाया गया है। और इसी हरि के बैराज से इंदिरा गांधी नहर निकाली गई है।

  • इंदिरा गांधी नहर भारत की सबसे लंबी नहर है। जो 256Km तक की है। 
  • यह नहर हिमाचल प्रदेश के हरिके बैराज से निकल कर राजस्‍थान तक जाती है। जो पश्चिमी राजस्‍थान के जल के अभाव को पूरा करती है।
  • इस नहर को राजस्‍थान की मरू गंगा या जीवन रेखा के नाम से जाना जाता है। क्‍योंकि य‍ह नहर मरूस्‍थलीय इलाके में पानी ले जाती है। इसलिए इस नहर को राजस्‍थान की मरू गंंगा या जीवन रेखा कहते हैं।
  • इस नहर से भारत के तीन राज्‍य पंजाब, हरियाणा, राजस्‍थान लाभान्वित होते हैं।
  • इस नहर के जल स्‍त्रोत हरिके बैराज और घग्‍गर नदी है।

 


7. फरक्‍का बैराज

फ‍रक्‍का बैराज पश्चिम बंगाल में गंगा नदी पर स्थित है। जिसका निर्माण सन 1975 में किया गया था।

 

उद्देश्‍य

  • हुगली नदी में पानी की सप्‍लाई को बनाए रखने के लिए फरक्‍का बैराज बनाया गया था।

8. मुल्‍ला पेरियार बांध

मुल्‍ला पेरियार बांध का निर्माण सन 1895 में किया गया। जो भारत के केरल राज्‍य में स्थित है। केरल में एक नदी है जिसका नाम पेरियार नदी है। तो इस पेरियार नदी पर दो बांधों का निर्माण किया गया है।

पेरियार नदी के पश्चिम में इडुक्‍की बांध का निर्माण किया गया है, व दक्षिण में मुल्‍ला पेरियार बांध का निर्माण किया गया है। ये दोनों बांध भारत के केरल राज्‍य के पेरियार नदी पर स्थित है।

अब समस्‍या ये है, कि जो इडुक्‍की बांध केरल में स्थित है, इस बांध का उपयोग केरल की Government करती है। लेकिन जो मुल्‍ला पेरियार बांध है, ये है तो केरल राज्‍य में। लेकिन इस बांध का उपयोग तमिलनाडु Government करती है। इस मुल्‍ला पेरियार बांध को लेकर के केरल और तमिलनाडु राज्‍य के बीच में समस्‍या है।

ये जो मुल्‍ला पेरियार बांध है, इस बनाया गया था 1895 में। तो केरल की सरकार ये कह रही है कि यह बहुत पुराना बांध है, और अगर ये बांध टूटा तो आपको समस्‍या नहीं होगी। इस बांध के टूटने से केरल राज्‍य में बाढ़ आ जायेगी। तो आप इस बांध को Reconstruction (पनुर्निमाण) करा दो।

इस विषय पर तमिलनाडु Government कहती है कि यदि हमने इस बांध का पुन‍र्निमाण कराया तो हमारे राज्‍य के लिए पानी की बहुत बड़ी समस्‍या खड़ी हो जायेगी। क्‍योंकि  पश्चिमी तमिलनाडु का जो इलाका है, वहां पर बड़ी मात्रा में चावल की खेती की जाती है। तो इस बांध को लेकर के केरल और तमिलनाडु के बीच ये समस्‍या बनी रहती है।

कुछ महत्‍वपूर्ण जानकारियां

  • मुल्‍ला पेरियार बांध का संचालन और जल का प्रयोग तमिलनाडु सरकार के द्वारा किया जाता है।
  • इस बांध को लेकर केरल और तमिलनाडु राज्‍यों के बीच विवाद है।
  • पश्चिमी घाट के (इलायची पहाड़‍ियां) में यह क्षेत्र पड़ता है।

 

  • इडुक्‍की बांध केरल की सरकार द्वारा उपयोग की जाती है।
  • इडुक्‍की बांध एक प्रकार का Arch Dam (चापाकार) डैम है।

 


9. पोलावरम परियोजना

पोलावरम परियोजना आंध्र प्रदेश में गोदावरी नदी पर स्थित है। जो अभी एक Under Costruction (निर्माणधीन) अर्थात निर्माण कार्य चल रहा है। इस परियोजना पर अभी विवा‍द चल रहा है। 

 


10. नागार्जुन सागर परियोजना

  • नागार्जुन सागर परियोजना आंध्र प्रदेश और तेलांगना की सीमा पर स्थित कृष्‍णा नदी पर है।
  • यह भारत का दूसरा बड़ा जल संग्राहक बांध है।
  • यह Masonry डैम हैं। जिसमें ईटों का प्रयोग किया जाता है। 

 


11. किशाऊ परियोजना

  • किशाऊ परियोजना यमुना की सहायक टोंस नदी पर Under Construction निर्माणधीन परियोजना है।
  • जब ये बांध बनकर तैयार हो जायेगा। तो यह बांध भारत का दूसरा सबसे ऊंचा बांध होगा -236m अभी दूसरा सबसे ऊंचा बांध भाखडा नांगल बांध है।
  • यह परियोजना हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में स्थित है।

12. अल्‍माटी परियोजना

  • अल्‍माटी बांध भारत के कर्नाटक राज्‍य में कृष्‍णा नदी पर स्थित है। इस बांध को कर्नाटक में बाढ़ के लिए जिम्‍मेदार माना गया।
  • इस बांध का उपयोग कर्नाटक और तमिलनाडु राज्‍य करते हैं।
  • इस बांध कि विद्युत उत्‍पादन की क्षमता – 290 MW है।   

 

 


13. कोसी परियोजना

  • कोसी परियोजना बिहार और नेपाल में स्थित है।
  • नेपाल में इस बांध पर हनुमान बैराज बनाया जा रहा है।
  • कोसी नदी को बिहार का शोक कहा जाता है। और बाढ़ को रोकने के लिए इस परियोजना पर नेपाल के साथ मिलकर काम किया जा रहा है।
  • कोसी नदी नेपाल से होकर के बिहार पहुंचती है। 

 

 


14. तुंगभद्रा परियोजना

  • तुंगभद्रा परियोजना आंध्र प्रदेश और कर्नाटक की ये एक संयुक्‍त परियोजना है।
  • जो दक्षिण भारत की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय परियोजना है।
  • यह परियोजना कृष्‍णा नदी पर है।

 

कुछ अन्‍य महत्‍वपूर्ण परियोजनाएं

पंचेश्र्वर परियोजना – यह परियोजना भारत और नेपाल के बीच में है।

 

रेणुका बांध – रे‍णुका बांध परियोजना हिमाचल प्रदेश में यमुना की सहायक गिरि नदी पर है।

 

मयूराक्षी परियोजना/कनाडा डैम – यह परियोजना झारखंड में कृष्‍णा नदी पर है।

 


Read More Post…..

उतराखंड के राष्‍ट्रीय उद्यान

FAQ – भारत की बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएं

बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना किसे कहते हैं?

ऐसी नदी घाटी परियोजना जिससे बहुत सारे उद्देशयों की पूर्ति हो उसे बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना कहते हैं। एक बांध का निर्माण करने से हम विद्युत उत्‍पादन, सिंचाई, पर्यटन, व्‍यावसाय, बाढ़ नियंत्रण और उस बांध के द्वारा परिवहन उपयोग भी कर सकते हैं।

स्‍वतंत्र भारत की पहली नदी घाटी परियोजना कौन-सी थी?

दामोदर घाटी परियोजना स्‍वतंत्र भारत की पहली परियोजना थी।

दामोदर घाटी परियोजना का निर्माण कब किया?

सन 1948 में।

दामोदर घाटी परियोजना के अन्‍तर्गत कौन-कौन से बांध आते है?

तिलैया बांध (बराकर नदी)
कोनार बांध (कोनार नदी)
पंचेत बांध
मिथुन बांध

भाखड़ा नांगल परियोजना किस नदी पर बनाया गया है?

सतलुज नदी पर।

भाखड़ा बांध भारत के किस राज्‍य में बनाया गया है?

भाखड़ा बांध भारत के हिमाचल प्रदेश राज्‍य में सतलुज नदी पर बनाया गया है।

नांगल बांध भारत के किस राज्‍य में बनाया गया है?

नांगल बांध भारत के पंजाब राज्‍य में सतलुज नदी पर बनाया गया है।

किस बांध के जल संग्रहण क्षेत्र को गोविंद सागर झील कहा जाता है?

भाखड़ा बांध के जल संग्रहण क्षेत्र को गोविंद सागर झील कहा जाता है।

किसने भागड़ा बांध को उभरते भारत का नया मंदिर कहा था?

पंडित जवाहरलाल नेहरू ने।

भारत का सबसे ऊंचा बांध कौन-सा है?

टिहरी बांध भारत का सबसे ऊंचा बांध है। जो 260 मीटर ऊंचा है।

टिहरी बांध कहां है?

टिहरी बांध उत्तराखंड राज्‍य के टिहरी जिले में है।

टिहरी बांध किन दो नदियों के संगम पर स्थित है?

भिलंगना और भागीरथी नदियों के संगम पर।

टिहरी बांध के जल संग्रहण क्षेत्र को क्‍या कहते हैं?

स्‍वामी रामतीर्थं सागर।

इंदिरा गांधी नहर कहां स्थित है?

इंदिरा गांधी नहर हिमाचल प्रदेश में हरि के बैराज से निकलती है।

भारत की सबसे लंबी नहर कौन-सी है?

इंदिरा गांधी नहर भारत की सबसे लंबी नहर है। जो 256 km लंबी है।

किस नहर को राजस्‍थान की मरू गंगा या जीवन रेखा कहते हैं?

इंदिरा गांधी नहर को राजस्‍थान की मरू गंगाा या जीवन रेखा कहते हैं।

फरक्‍का बैराज कहां स्थित है?

फरक्‍का बैराज भारत के पश्चिम बंगाल में गंगा नदी पर स्थित है। जिसका निर्माण सन 1975 में किया गया था।

इडुक्‍की बांध कहां और किस नदी पर स्थित है?

इडुक्‍की बांध भारत के केरल राज्‍य में पेरियार नदी पर स्थित है।

मुल्‍ला पेरियार बांध कहां और किस नदी पर स्थित है?

मुल्‍ला पेरियार बांध भारत के केरल राज्‍य में पेरियार नदी पर स्थित है।

पोलावरम परियोजना कहां और किस नदी पर स्थित है?

पोलावरम परियोजना भारत के आंध्र प्रदेश राज्‍य में गोदावरी नदी पर स्थित है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share
Share
Uttarakhand Foundation Day Govind National Park Corbett National Park India China relations Musical Instruments Of Uttarakhand