शब्द किसे कहते हैं

शब्‍द किसे कहते हैं

 


शब्द किसे कहते हैं

दो या दो से अधिक अक्षरों के मेल से बने सार्थक शब्‍द को शब्‍द कहते हैं।

  • सार्थक शब्‍द
  • निरर्थक शब्‍द

(i) सार्थक शब्‍द जिन शब्‍दों का कोई अर्थ होता है, ऐसे शब्‍दों को सार्थक शब्‍द कहते हैं।

जैसे – गंगा  शब्‍द से यह पता चल रहा की यह एक नदी का है। यमुना – शब्‍द से यह पता चल रहा की यह भी एक नदी का नाम है । सूर्य,  चंन्‍द्रमा, पृथ्‍वी इत्‍यादि ।

(ii) निरर्थक शब्‍द – जिन शब्‍दों का कोई अर्थ नहीं निकलता है, उन्‍हें निरर्थक शब्‍द कहते है ।

जैसे – राम-वाम, रोटी-वोटी, पानी-वानी, लड़की-वड़की इत्‍यादि ।

 

शब्‍दों का वर्गीकरण

हिन्‍दी के शब्‍दों का वर्गीकरण चार आधार पर किया गया है।

    1. उत्‍पति/जन्‍म/स्रोत/बनावट के आधार पर
    2. रचना/बनावट/व्‍युत्‍पति के आधार पर
    3. प्रयोग/रूप/व्‍याकरण के आधार पर
    4. अर्थ के आधार पर

 


1.उत्‍पति/जन्‍म के आधार पर

      1. तत्‍सम शब्‍द   
      2. तदभव शब्‍द 
      3. देशज/देशी  शब्‍द
      4. विदेशज/विदेशी/आगत शब्‍द।
      5. संकर शब्‍द

 


तत्‍सम शब्‍द

तत्‍सम ( तत्सम)  जिसमें तत् का अर्थ होता है – उसके अर्थात ‘संस्‍कृत के’ और सम का अर्थ होता है – ‘समान’। अर्थात संस्‍कृत के समान। 

  • संस्‍कृत भाषा के ऐसे शब्‍द जो संस्‍कृत भाषा से निकल कर हिंदी भाषा में आये हैं। लेकिन हिंदी भाषा में आने के बावजूद भी संस्‍कृत की तरह ही रहे हैं। ऐसे शब्‍दों को तत्‍सम शब्‍द कहते हैं।

 

  • जैसे – पुस्‍तक, बालक, राज्‍य, प्रजा, माता, पिता, बालिका इत्‍यादि।

 


तदभव शब्‍द

तदभव (तत् + भव)  जिसमें तद् का अर्थ संस्‍कृत और भव का अर्थ होना अर्थात  ‘संस्‍कृत शब्‍दों से परिवर्तित होकर’ बने शब्‍दों को तदभव शब्‍द कहते हैं।

  • संस्‍कृत भाषा के ऐसे शब्‍द जो संस्‍कृत भाषा से निकल कर हिंदी भाषा में आये हैं। लेकिन हिंदी भाषा में प्रवेश करते ही इन शब्‍दों ने अपने स्‍वरूप को परिवर्तित कर दिया है। ऐसे शब्‍दों को तदभव शब्‍द कहते हैं।

 

  • जैसे –  क्षेत्र – खेत, दुग्‍ध – दूध , क्षीर – खीर ।

 


देशज् शब्‍द  

देशज (देश + ज) अर्थात देश में जन्‍में शब्‍द – को देशज शब्‍द कहते हैं।

ऐसे शब्‍द जो क्षेत्रीय प्रभाव के कारण परिस्थिति व आवश्‍यकतानुसार बनकर प्रचलित हुए हैं या जो गाँव की सीमा में ही सिमट कर रह गये। ऐसे शब्‍दों को देशज शब्‍द कहते हैं।

देशज् शब्‍दों के पहचान के कुछ महत्‍वपूर्ण नियम 

  1. ज‍िन भी शब्‍दों में ‘ड़’ आता है वह देशज शब्‍द होते हैं।
    जैसे – पगड़ी, हड़ताल, सड़क, गाड़ी, पहाड़, गड़बड़
      
  2. परिवार से संबंधित शब्‍द 
    जैसे – चाचा, चाची, मामा, मामी, मम्‍मी, पापा,

  3. दक्षिण भारत के पकवानों के नाम
    जैसे – शांभर, डोसा, कड़ाला करी, ढोकला, उपमा

  4. स्‍थानीय नृत्‍य
    जैसे – गरबा, भांगड़ा, कुचीपुड़ी, भरतनाटयम।

  5. निरर्थक शब्‍द
    जैसे – पानी-वानी

  6. ध्‍वन्‍यात्‍मक शब्‍द
     

 

विदेशज/आगत शब्‍द – 

विदेशज (विदेश + ज ) अर्थात ‘विदेश में जन्‍मा’। तथा आगत शब्‍द का अर्थ है – आया हुआ।

  • हिंदी में प्रयोग होने वाले ऐसे शब्‍द जो विदेशी भाषाओं से आकर हिंदी भाषा में प्रयाेग होने लगे। ऐसे शब्‍दों को विदेशी/देशी या आगत शब्‍द कहते हैं।

 

विदेशों से आये हुए शब्‍द विदेशी शब्‍द।

अरबी शब्‍द  फारसी शब्‍द  तुर्की शब्‍द  पुर्तगाली शब्‍द
    उर्दू,  अलमारी, आलपिन
      इस्‍त्री, इस्‍पात
       
       
       
       

संकर शब्‍द

दो भिन्‍न स्‍त्रोतों से आए शब्‍दों के मेल से बने नए शब्‍दों को संकर शब्‍द कहते हैं।

जैसे –  

  • छायादार    –   छाया(संस्‍कृत)  +  दार (फारसी)
  • रेलगाड़ी     –   रेल  (अंग्रेजी)    +  गाड़ी (हिन्‍दी)
  • पानदान     –    पान (हिन्‍दी)     +   दान (फारसी)

 


2.रचना/बनावट के आधार पर

      1. रूढ शब्‍द 
      2. योग रूढ शब्‍द 
      3. यौगिक शब्‍द ।

 


रूढ शब्‍द

ऐसे शब्‍द जिनका विभाजन नहीं कीया जा सकता है। अर्थात जिन शब्‍दों का संन्धि-विछेद नहीं हो सकता है। ऐसे शब्‍दों को रूढ शब्‍द कहते हैं। इनमें उपसर्गो का प्रयोग नहीं होता है।

जैसे – कमल, घर,  पुस्‍तक,  कलम आदि।

ये ऐसे शब्‍द हैं जिनका न ही विभाजन कर सकते हैं और न ही इन शब्‍दों पर उपसर्ग लगता है।

 

योग रूढ शब्‍द

जब कोई दो रूढ शब्‍द मिलकर किसी तीसरे अर्थ का निर्माण करते हैं। तो ऐसे शब्‍दों को योग रूढ शब्‍द कहते हैं।

जैसे –  गजानन, दशानन, लम्‍बोदर, पीताम्‍बर, पंकज।

 

यौगिक शब्‍द

ऐसे शब्‍द जिनका संधिविछेच्‍द तो हो सकता है। लेकिन विभाजन या सं‍धिविछेच्‍द होने के बावजूद भी एक ही अर्थ देते हैं। ऐसे शब्‍दों को योग रूढ़ शब्‍द कहते हैं। अर्थात जो शब्‍द है, वही उसका अर्थ बनता है। 

जैसे – विद्यालय, चिड़ि‍या घर, पुस्‍तकालय, वाचनालय।

 


3. अर्थ के आधार पर

      1. पर्यावाची शब्‍द   
      2. विलोम शब्‍द 
      3. सम्‍मोचारित शब्‍द   
      4. अनेकार्थी शब्‍द

 

4. काव्‍यशास्‍त्रीय के आधार पर

      1. शब्‍द का अभिधा रूप 
      2. शब्‍द का लक्षणा रूप 
      3. शब्‍द का व्‍यंजना रूप

 

शब्‍द का अभिधा रूप

जब किसी शब्‍द का सीधा रूप प्रस्‍तुत किया जाए अर्थात जब किसी शब्‍द का सीधा अर्थ निकले ।

  • जैसे – राम कक्षा का अच्‍छा लड़का है ।

 

शब्‍द का लक्षणा रूप

जब किसी शब्‍द को कहने के लिए उसके लक्षण में कोई दूसरा शब्‍द ला दिया जाता है ।

  • जैसे – रोहन कक्षा का शंकराचार्य है ।

 

शब्‍द का व्‍यंजना रूप

जब किसी शब्‍द व्‍यंग्‍यात्‍मक रूप प्रस्‍तुत किया जाए वह शब्‍द का व्‍यंजना रूप होगा। जैसे – श्‍याम गोबर गणेश है।

 

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5. प्रयोग व विकार के आधार पर शब्‍द  

      1. विकारी/सवि‍कारी   
      2. अविकारी

 

विकारी/सविकारी शब्‍द  – 

जो शब्‍द प्रयोग के आधार पर अपना अर्थ विकृत कर देते हैं। अर्थात बदल देते हैं ऐसे शब्‍दों को विकारी शब्‍द कहते हैं। संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया-विशेषण, के सभी शब्‍द विकारी शब्‍द है।

जैसे –  माता-पिता,  भाई-बहिन,  लड़का-लड़की,  रात-दिन,  सुबह-शाम  इत्‍यादि ।

 

अविकारी शब्‍द

जो शब्‍द के प्रयोग के आधार पर अपना अर्थ नहीं बदलते हैं उन्‍हें अवि‍कारी शब्‍द कहा जाता हैं। सभी अव्‍ययवाची  शब्‍दों को भी अविकारी शब्‍द कहते हैं।

जैसे – हे,  हो,  अरे,  अबे,  किन्‍तु,  परन्‍तु,  और ।

 


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    FAQ – शब्‍दों का वर्गीकरण

      1. शब्‍द किसे कहते हैं?

        दो या दो से अधिक अक्षरों के मेल से बने सार्थक शब्‍द को शब्‍द कहते हैं। या हम कह सकते हैं, अक्षरों का ऐसा समूह जिसका निश्‍चित अर्थ होता है,उसे शब्‍द कहते हैं।

        सार्थक शब्‍द किसे कहते हैं?

        ऐसे शब्‍द जिसे बोलते या लिखते समय कोई अर्थ प्रकट हो उसे सार्थक शब्‍द कहते हैं। जैसे – गंगा शब्द‍ से यह पता चल रहा है की यह एक नदी का नाम है।

        शब्‍दों के कितने भेद होते हैं?

        शब्‍दों के चार भेद होते हैं।

        रूढ शब्‍द किसे कहते हैं?

        ऐसे शब्‍द जिनका विभाजन नहीं कीया जा सकता है। अर्थात जिन शब्‍दों का संन्धि-विछेद नहीं हो सकता है। ऐसे शब्‍दों को रूढ शब्‍द कहते हैं। इनमें उपसर्गो का प्रयोग नहीं होता है।

        योग रूढ शब्‍द किसे कहते हैं?

        जब कोई दो रूढ शब्‍द मिलकर कोई तीसरा अर्थ बनाता है। तो ऐसे शब्‍दों को योग रूढ शब्‍द कहते हैं।

        यौगिक शब्‍द किसे कहते हैं?

        जिन शब्‍दों का संधिविछेच्‍द तो हो सकता है। लेकिन विभाजन या सं‍धिविछेच्‍द होने के बावजूद भी एक ही अर्थ देते हैं। तो ऐसे शब्‍दों को योग रूढ़ शब्‍द कहते हैं। अर्थात जो शब्‍द है, वही उसका अर्थ बनता है। 

        तत्‍सम शब्‍द किसे कहते हैं?

        तत्‍सम शब्‍द तत् और सम दो शब्‍दों से मिलकर बना है। जिसमें तत् का अर्थ होता है – उसके अर्थात संस्‍कृत के और सम का अर्थ होता है, समान।
        हिंदी भाषा के ऐसे शब्‍द जो संस्‍कृत भाषा से निकल कर हिंदी में आये लेकिन हिंदी भाषा में आने के बावजूद भी संस्‍कृत की तरह ही रहे। ऐसे शब्‍दों को तत्‍सम शब्‍द कहते हैं।

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