8वीं अनुसूची (भारतीय संविधान)

8वीं अनुसूची (भारतीय संविधान)

8वीं अनुसूची (भारतीय संविधान)


8वीं अनुसूची (भारतीय संविधान)

भारतीय संविधान में 22 भााषाओं को मान्‍यता दी गयी है। इन 22 भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची रखा गया है।

 

भारतीय संविधान की 22 भाषाएं
असमिया कश्‍मीरी मराठी गुजराती हिंदी बोडो
उडि़या कन्‍नड़ मणिपुरी तमिल संंस्‍कृत डोंगरी
उर्दू कोंकणी मलयालम तेलगू सिंधी मैथली
नेपाली पंजाबी बंगाली संथाली


मूल संविधान में भाषाएं

जब भारतीय संविधान बना तो उस समय संविधान में केवल 14 भाषाओं को मान्‍यता प्राप्‍त थी। अर्थात उस समय भारतीय संविधान में मात्र 14 भाषाओं को ही शामिल किया गया था। और बाद संविधान में संशोधन करके 8 और अन्‍य भाषाओं को भी संविधान की आठवीं अनुसू‍ची में रखा गया।

मूल भारतीय संविधान की 14 भाषाएं 
असमिया कश्‍मीरी मराठी हिंदी
उडिया कन्‍न्‍ड़ मलयालम संस्‍कृत
उर्दू कोंकणी तमिल पंजाबी
बंगाली तेलगू

 

भारतीय संविधान के बनते ही इन 14 भाषाओं को संविधान की 8वीं अनुसू‍ची मे शामिल किया गया था।


भारतीय संविधान में किस प्रकार से  8 अन्‍य भाषाओं को जोड़ा़ गया।

21वां संविधान संशोधन

21वां संविधान संशोधन 1967 के तहत संविधान की 8वीं अनुसूची में सिंधी भाषा को जोड़ा गया।

71वां संविधान संशोधन

71वां संविधान संशोधन 1992 तहत संंविधान की 8वीं अनुसूची में तीन भाषाओं को जोड़ा गया। जिसे आप शब्‍द से याद रख सकते हैं। ( मनका) –  मणिपुरी, नेपाली, और काेंकणी भाषा।

92वां संविधान संशोधन

92वां संविधान संशोधन 2003 के तहत संविधान में चार भाषाओं को जोड़ा गया। जिसे हम इस शब्‍द के माध्‍यम से याद रख सकते हैं।  (बोडमास) – बोडो, डोंगरी, मैथली, और संथाली भाषा।

 



इन 22 भाषाओं को याद रखने कुछ तरीके

हिंदी भाषा को राज्‍यभाषा का दर्जा कैैसे मिला 

 


हर साल 14 सितंंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। और देश का आम नागरिक जानता है कि हिंदी दिवस क्‍यों मनाया जाता है। लेकिन शायद वह ये नहीं जानतें है कि आज तक हम हिंदी को हमारी राष्‍ट्र्भाषा के तौर पर क्‍यों स्‍थापित नहीं कर पाये। हिंदी आज भी हमारी राष्‍ट्र भाषा नहींं है बल्कि राजभाषा है।

राष्‍ट्र्पिता महात्‍मा गांधी ने सन 1917 में सबसे पहले हिंदी को राष्‍ट्रभाषा के रूप में मान्‍यता प्रदान की थी। लेकिन 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एकमत से इसे राजभाषा का दर्जा देने की सहमति जताई।

सन 1950 में संविधान के अनुच्‍छेद 343 (1) के द्वारा हिंदी को देवनागरी लिपि के रूप में राज भाषा का दर्जा दिया गया। हांलाकि, पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया ।

भारत के अलावा हिंदी भाषा पाकिस्‍तान, नेपाल, बांग्‍लादेश, अमेरिका, न्‍यूजीलैंड, जर्मनी, ब्रिटेन, संय‍ुक्‍त अरब अमीरात अन्‍य और भी देशों में बोली जाती है।

 


FAQ – भारतीय संविधान में भाषाएं

 

[sc_fs_multi_faq headline-0=”h2″ question-0=”भारतीय संविधान में कितनी भाषाओं को मान्‍यता प्राप्‍त है ? ” answer-0=”वर्तमान समय में भारतीय संविधान में 22 भाषाओं को मान्यता प्राप्‍त है ।” image-0=”” headline-1=”h2″ question-1=”संविधान की किस अनुुसूची में 22 भाषाओं को रखा गया है । ” answer-1=”संविधान की आठवीं अनुुसूची में 22 भाषाओं को रखा गया है ।” image-1=”” headline-2=”h2″ question-2=”मूल भारतीय संविधान में कितनी भाषाएं थी ?” answer-2=”मूल भारतीय संविधान में 14 भाषाएं थी ।” image-2=”” headline-3=”h2″ question-3=”सिंधी भाषा को 8वीं अनुसूची में कब जोड़ा गया ?” answer-3=”सिंधी भाषा को 8वीं अनुसूची में 21वा संविधान संशोधन 1967 के तहत जोड़ा रखा गया ।” image-3=”” headline-4=”h2″ question-4=”71वा संविधान संशोधन 1992 के तहत संंविधान में कितनी भाषाओं को जोड़ा गया ?” answer-4=”71वा संविधान संशोधन 1992 के तहत संंविधान में तीन भाषाओं (मनका) अर्थात मणिपुरी, नेपाली, और कोंकणी भाषाओं को जोड़ा गया ।” image-4=”” headline-5=”h2″ question-5=”92 वा संविधान संशोधन के 2003 के तहत संविधान में कितनी भाषाओं को जोड़ा़ गया ? ” answer-5=”92 वा संविधान संशोधन के 2003 के तहत संविधान में चार भाषाओं (बोडमास) अर्थात बोड़ो, डोंगरी, मैथली,और संथाली भाषाओं को जोड़ा़ गया ।” image-5=”” count=”6″ html=”true” css_class=””]

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