भाषा किसे कहते हैं |
भाषा किसे कहते हैं
भाषा / language
भाषा किसी भी मनुष्य के लिए वह साधन है। जिसके द्वारा वह सुनकर, लिखकर और पढ़कर अपने मन के भावों या विचारों का आदान प्रदान करता है।
भाषा जीवन का पहला एक ऐसा साधन होता है । जिसे कोई भी प्राणी अपने आस-पास के वातावरण से सीखता है । जिसमें उसके अपने परिवार का एक महत्वपूर्ण योगदान होता है । सामान्यत: भाषा को अपने विचारों के आदान-प्रदान का एक माध्यम कहा जा सकता है।
भाषा शब्द का उद्भव
भाषा शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम पाणिनी ने किया था। पाणिनी ने बताया की भाषा का अर्थ होता है, बोलना। पाणिनी से पहले एक व्यक्ति थे, जिनका नाम यास्क था। और यास्क ने भाषा शब्द के लिए छन्देश शब्द का प्रयोग किया। क्योंकि हमारे जितने भी वेद और ग्रन्थ हैं, उन सभी की रचना छन्दों में हुई है। इसीलिए यास्क ने भाषा शब्द के लिए छन्देश शब्द का प्रयोग किया।
भाषा शब्द संस्कृत से निकलकर आया है। संस्कृत मे एक धातु है, (भाष् ) धातु। तो हम एक वाक्य मे कह सकते हैं, कि भाषा शब्द संस्कृत के भाष् धातु से निकलकर आया है।
भाष् शब्द का अर्थ ( व्यक्त करना )। अर्थात अपने विचारों का व्याकरणिक आदान-प्रदान ही भाषा कहलाता है।
भाषा के प्रकार
भाषा के अध्ययन को आसान बनाने के लिए इसे दो भागों मे बाँटा गया है।
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1.विचारों के आदान-प्रदान के आधार पर भाषाएं
विचारों के आदान-प्रदान के आधार पर भाषाएं 3 प्रकार की होती हैं।
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i. लिखित भाषा – भाषा का वह रूप है, जिसमें व्यक्ति लिखकर अपने विचारों को प्रकट करता है। उसे लिखित भाषा कहते हैं।
ii. मौखिक भाषा – भाषा का वह रूप है, जिसमें व्यक्ति बोल कर अपने विचारों को प्रकट करता है। उसे मौखिक भाषा कहते हैं।
iii. सांकेतिक भाषा – सांकेतिक भाषा को दो भागों में बाँटा गया है।
- आंगिक रूप और
- मौन रूप।
अर्थात जब भाषा को शरीर के अंगों के माध्यम से या (Hand moment) के रूप में कोई भी व्यक्ति अपने विचारों को दूसरे व्यक्ति तक पँहुचा है। तो वह भाषा सांकेतिक भाषा के अन्तर्गत आती है।
2.प्रयोग के आधार पर भाषाएं
प्रयोग के आधार पर भी भाषाएं 3 प्रकार की होती है।
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i. मातृ भाषा – मातृ भाषा वह भाषा होती है, जिसे हम जन्म से लेकर अपने माता-पिता और परिजनों से सीखते हैं । वो हमारी मातृ भाषा कहलाती है ।
ii. राज भाषा – किसी भी क्षेत्र या राज्य में सरकारी कार्यो में प्रयोग की जाने वाली भाषा को राज भाषा कहते हैं।
iii. राष्ट्र भाषा – राष्ट्र भाषा वह भाषा होती है, जो किसी देश में संपर्क भाषा का काम करती है। या जिस देश की अधिकांश जनसंख्या जिस भाषा को बोलती है। उसे हम राष्ट्र भाषा कहते हैं।
राष्ट्र भाषा की जो बोलने की सीमा होती है। वह पूरे विश्व में प्रचलित होती है।
भाषा किसे कहते हैं?
भाषा किसी भी मनुष्य के लिए वह साधन है। जिसके व्दारा वह सुनकर, लिखकर और पढ़कर अपने मन के भावों या विचारों का आदान प्रदान करता है। भाष् शब्द का अर्थ ( व्यक्त करना ) । अर्थात अपने विचारों का व्याकरणिक आदान-प्रदान ही भाषा कहलाता है
भाषा शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया?
भाषा शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम पाणिनी ने किया।
भाषा के लिए छन्देश शब्द का प्रयोग किसने किया?
भाषा के लिए छन्देश शब्द का प्रयोग यास्क ने किया।
भाषा शब्द कहॉं से निकलकर आया है?
भाषा शब्द संस्कृत के भाष् धातु से निकलकर आया है।
भाषा को कितने भागों में बॉंटा गया है ?
भाषा को दो भागों में बॉंटा गया है।
1. विचारों के आदान-प्रदान के आधार पर भाषाएं ।
2. प्रयोग के आधार पर भाषाएं ।” i
विचारों के आदान-प्रदान के आधार पर भाषाएं कितनी प्रकार की होती है?
विचारों के आदान-प्रदान के आधार पर भाषाएं तीन प्रकार की होती है?
1. लिखित भाषा । 2. मौखिक भाषा । 3. सांकेतिक रूप ।
प्रयोग के आधार पर भाषाएं कितनी प्रकार की होती है ?
प्रयोग के आधार पर भाषाएं तीन प्रकार की होती है।
1. मातृ भाषा । 2. राज भाषा । 3. राष्ट्र भाषा ।
मातृ भाषा किसे कहते हैं?
मातृ भाषा वह भाषा होती है, जिसे हम जन्म से लेकर अपने माता-पिता और परिजनों से सीखते हैं । वो हमारी मातृ भाषा कहलाती है।
राज भाषा किसे कहते हैं ?
किसी भी क्षेत्र या राज्य में सरकारी कार्यो में प्रयोग की जाने वाली भाषा को राज भाषा कहते हैं।
राष्ट्र भाषा किसे कहते हैं ?
राष्ट्र भाषा वह भाषा होती है, जो किसी देश में संपर्क भाषा का काम करती है । या जिस देश की अधिकांश जनसंख्या जिस भाषा को बोलती है । उसे हम राष्ट्र भाषा कहते हैं ।