वेद किसे कहते हैं

वेद किसे कहते हैं

वेद किसे कहते हैं


भारत का सर्व प्राचीन धर्म ग्रन्‍थ ( वेद ) है।

1) वेद के प्रकार


वेद


  1. ऋग्‍वेद।
  2. सामवेद।
  3. यजुर्वेद।  
  4. अथर्ववेद

 


वेदाें से हमें क्‍या जानकारीयां मिलती है

  • वेदों में देवता, ब्रह्मांड, ज्‍योतिष, गणित, औषधि, विज्ञान, भूगोल, धर्म, संगीत, रीति-रिवाज, जैसे कई विषयों का ज्ञान वर्णित है। वेद इसलिए भी महत्‍वपूर्ण है, क्‍योंकि इसे मनुुुुष्‍यों द्वारा नहीं ईश्‍वर द्वारा ऋषियों को सुने ज्ञान के आधार पर लिखा गया है। इसलिए वेदों को श्र‍ुति कहा जाता है।
  • वेदों के रचियता नहीं होते हैंं। क्‍योंकि वेदों को एक व्‍यक्ति द्वारा नहीं लिखा गया है। वेदों को कई महान व्‍यक्तियों ने लिखा है। वेदों के संकलनकर्ता (महर्षि कृष्‍ण द्वैपायन वेद व्‍यास) हैं। महर्षि कृष्‍ण द्वैपायन वेद व्‍यास ने ही वेदों को संकलन किया अर्थात ‘क्रमवत ढंग से जोड़ा इसलिए इन्‍हें वेदो का संकलनकर्ता कहते है ।
  •  
भारत का सबसे प्राचीन वेद (ऋग्‍वेद) है। और सबसे आखिर वेद (अथर्ववेद) है।

 


ऋग्‍वेद

ऋचाओं के क्रमबद ज्ञान के संग्रह को (ऋग्‍वेद) कहते हैं। ऋग्‍वेद भारत का सबसे प्राचीन तथा पहला वेद है।

ऋग्‍वेद का विभाजन

 


  • ऋग्‍वेद के अध्‍ययन को आसान बनाने के लिए इसका विभाजन किया गया है।

 

  • ऋग्‍वेद में (10 मंण्‍डल) व (1028 सूक्त) और (10462 ऋचाएंं) हैं।

 

  • इन 10462 ऋचाओं में  – (250 ऋचाएं इन्‍द्र देवको समर्पित हैं। और (200 ऋचाएं अग्नि देव को ) समर्पित हैं। इससे पता चलता है कि ऋग्‍वेदिक काल के सबसे प्रसिद्ध देवता इन्‍द्र देव व अग्नि देव  थे। 

 

  • इन ऋचाओं के अध्‍ययन करने वाले ऋषियों को (होतृ) कहते हैं।

 


ऋग्‍वेद से प्राप्‍त कुछ जानकारियां

  1. ऋग्‍वेद से हमें सबसे पहले (आर्यो की राजनीतिक प्रणाली) की जानकारी मिलती है।
  2. ऋग्‍वेद का (3 मंण्‍डल विश्‍वामित्र व्‍दारा रचित) है। जिसमें (गायत्री मंत्र) का उल्‍लेख मिलता है। और यह गायत्री मंत्र सूर्य देवता काे समर्पित है।
  3. ऋग्‍वेद के 8 वे मंण्‍डल से (हस्‍तलिखित ऋचाओं) का वर्णन मिलता है। और इन हस्‍तलिखित ऋचाओं के लिए ऋग्‍वेद में (खिल) शब्‍द का प्रयोग किया गया है।
  4. ऋग्‍वेद के 9 मंण्‍डल में सोम देवता का उल्‍लेख मिलता है।
  5. ऋग्‍वेद का 10 वा मंण्‍डल सबसे महत्‍वपूर्ण मंण्‍डल है। जिसे जानना सभी लोगों के लिए बहुत जरूरी है। ऋग्‍वेद के 10 वे मंण्‍डल में (चतुष्‍वर्ण्‍य समाज) का वर्णन मिलता है। जिसमें समाज को 4 वर्णों में बॉंंटा गया है।

 चतुष्‍वर्ण्‍य समाज 

 


सामवेद

ऋग्‍वेद में जो (10462 ऋचाएं) हैं। इन ऋचाओं को किस प्रकार से याद रखा जाए। तो इन ऋचाओं को याद रखने के लिए इन्‍हें (संगाीत) के रूप में परिवर्तित किया गया।

  • ऐसा ग्रन्‍थ जिसमें गाए जा सकने वाली (ऋचाओं का संकलन) हो उसे सामवेद कहते हैं।
  • समावेद को भारतीय संगाीत का जनक कहा जाता है। क्‍योंकि इस वेद में ही सबसे पहले संगीत की बात हुई है।
  • जो भी लोग सामवेद को पढ़ते हैं। उन्‍हें (उद्रातृ) कहते हैं।

 


यजुर्वेद

यजुर्वेद में वैदिक कर्मकांड के नियमों का संकलन। और इसके पाठन करने वालों को (अध्‍वर्यु) कहा जाता है। यजुर्वेद वेद की एक विशेषता यह है कि यह गद्य और पद्य दोनों में है।

 


अथर्ववेद

इस वेद के रचियता अथर्वा ऋषि हैं। इन्‍हीं के नाम पर इसे वेद का नाम (अथर्ववेद) पड़ा। और यही सबसे नया वेद है।

जानकारियां –  

      • इस वेद से  रोग-निवारण,  तंत्र-मंंत्र , जादू-टोना, विवाह आदि ।
      • सामान्‍य मनुष्‍यों के विचार विश्‍वाास और अंधविश्‍वास ।
      • सभा और समिति-प्रजाति की वो पुत्रियांं ।
      • कन्‍याओं की जन्‍म की निन्‍दा की गई ।

 


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FAQ – वेद

भारत का सर्व प्राचीन धर्म ग्रन्‍थ कौन-सा है?

वेद भारत का सर्व प्राचीन धर्म ग्रन्‍थ है।

वेद के कितने प्रकार के हैं?

वेद 4 प्रकार के हैं। ऋग्‍वेद, सामवेदध, यजुर्वेद, और अथर्ववेद।

वेदों के रचियता किसे और क्‍यों कहते हैं?

वेदाें के रचियता (महर्षि कृष्‍ण द्वैपायन वेद व्‍यास) को कहा जाता है। क्‍योंकि इन्‍होंने ही वेदों का संकलन अर्थात वेदों को क्रमवत ढंग से जोड़ा।

वेदों के संकलनकर्ता किसे कहते हैं?

वेदों के संकलनकर्ता महर्षि कृष्‍णद्वैपायन वेद व्‍यास को कहते हैंं।

भारत का सबसे अन्तिम वेद कौन-सा है?

भारत का सबसे अन्तिम वेद अथर्ववेद है।

ऋग्‍वेद किसे कहते हैं?

ऋचाओं के क्रमबद ज्ञान को (ऋग्‍वेद) कहते हैं।

ऋग्‍वेद कितने मंण्‍डल हैं?

ऋग्‍वेद में 10 मंण्‍डल हैं।

ऋग्‍वेद कितने सूक्त हैं?

ऋग्‍वेद में 1028 सूक्त हैं।

ऋग्‍वेद में कितनी ऋचाएं हैं?

ऋग्‍वेद में 10462 ऋचाएं हैं।

ऋग्‍वेद काल में ऋचाओं के अध्‍ययन करने वाले ऋषियों को क्‍या कहा जाता था?

ऋग्‍वेद काल में ऋचाओं के अध्‍ययन करने वाले ऋषियों को होतृ कहा जाता था।

ऋग्‍वेदिक काल में इन्‍द्र देव को कितनी ऋचाएं समर्पित थी?

250 ऋचाएं स‍मर्पित थी।

ऋग्‍वेदिक काल में अग्नि को कितनी ऋचाएं समर्पित थी?

ऋग्‍वेदिक काल में अग्नि देव को 200 ऋचाएं समर्पित थी।

ऋग्‍वेद का कौन-सा मंण्‍डल विश्‍वामित्र द्वारा रचित है?

ऋग्‍वेद का 3 मंण्‍डल विश्‍वामित्र द्वारा रचित है।

गायत्री मंत्र का उल्‍लेख ऋग्‍वेद के किस मण्‍डल में मिलता है?

ऋग्‍वेद के 3 मंण्‍डल में गायत्री मंत्र का उल्‍लेख मिलता है। जो सूर्य देव को समर्पित है।

ऋग्‍वेद के किस मंण्‍डल में हस्‍तलिखित ऋचाओं वर्णन मिलता है?

ऋग्‍वेद के 8 मंण्‍डल में हस्‍तलिखित ऋचाओं का वर्णन मिलता है। और इन हस्‍तलिखित ऋचाओं के लिए ऋग्‍वेद में (खिल शब्‍द) का प्रयोग किया गया है।

ऋग्‍वेद के किस मंण्‍डल में चतुष्‍वर्ण्‍य समाज का वर्णन मिलता है?

ऋग्‍वेद के 10वें मंण्‍डल में चतुष्‍वर्ण्‍य समाल का वर्णन मिलता है। जिसमें समाल को 4 वर्णों में बॉंटा गया है।

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