उत्तराखंड की जनसंख्या |
उत्तराखंड की जनसंख्या
भारत में पहली जनगणना 1872 में हुई थी लेकिन इसकी विधिवत शुरुआत 1881 में ‘रिपन काल’ से हुई और तब से प्रत्येक 10 वर्ष पर नियमित रूप से जनगणना होती रही है।
- वर्ष 2011 में 15वीं जनगणना संपन्न हुई जिसके अनंतिम आंकड़े 31 मार्च 2011 को तथा अंतिम आंकड़े 30 अप्रैल 2013 को नई दिल्ली से जारी किए गए थे
- प्रदेश स्तर पर राज्य संबंधी अनंतिम आंकड़े 2 अप्रैल 2011 को देहरादून से जारी किए गए थे। जबकि अंतिम आंकड़े 31 में 2013 को जारी किए गए थे
- 2011 के अनुसार राज्य की कुल जनसंख्या एक करोड़ 1,00,86,292 थी जिसमें पुरुषों की संख्या 5137 773 और महिलाओं की संख्या उन 5048 519 है
- जनसंख्या की दृष्टि से भारत के राज्यों में 21वां स्थान है
- राज्य का शाब्दिक जनसंख्या वाला जिला हरिद्वार है जिसमें 1890 422 जनसंख्या रहती है तथा जनसंख्या दृष्टि से राज्य का सबसे छोटा जिला रुद्रप्रयाग है जिसमें 242 285 जनसंख्या रहती है
10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले जिले
- राज्य के तीन जिले हरिद्वार, देहरादून, और ऊधमसिंह नगर में 10 लाख से अधिक लोग निवास करते हैं
- राज्य की आदि से अधिक 51.5% जनसंख्या केवल इन तीन जिलों में निवास करती है
सर्वाधिक जनसंख्या वाले पांच जिले
- हरिद्वार → देहरादून → ऊधमसिंह नगर → नैनीताल → पौड़ी गढ़वाल।
सबसे कम जनसंख्या वाले पांच जिले
- रुद्रप्रयाग → चंपावत → बागेश्वर → उत्तरकाशी → एवं चमोली
उत्तराखंड की जनसंख्या लगभग 1.2 करोड़ है। यह राज्य हिमालयी क्षेत्र में स्थित है और उन्नति के माध्यम से लोगों की आधारभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। यहां की जनसंख्या में वृद्धि और विकास के साथ-साथ पर्यावरण और सांस्कृतिक संसाधनों का सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है। उत्तराखंड की जनसंख्या में ग्रामीण और शहरी दोनों अंश शामिल हैं, जो इस क्षेत्र के सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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0 से 6 आयु वर्ग की जनसंख्या
- 2011 की जनगणना के अनुसार 0 से 6 ए वर्ग शिक्षकों की कुल संख्या 1355 814 है
- जिसमें से 717 199 बालक और 638 615 बालिकाएं हैं
- राज्य की कुल जनसंख्या में शिशुओं का अनुपात 13.44 है
- 2011 की जनगणना के अनुसार 0 से 6 आय वर्गों का लिंगानुपात 890 है
- सर्वाधिक शिष्य लिंग अनुपात वाला जिला अल्मोड़ा है 922
- सबसे कम शिशु लिंग अनुपात वाला जिला पिथौरागढ़ है 816
जनसंख्या 10 के वृद्धि दर में देश में उत्तराखंड राज्य का 18वां स्थान है |
उत्तराखंड का जनसंख्या घनत्व
जनसंख्या घनत्व
एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में निवास करने वाले व्यक्तियों की संख्या औसत संख्या को जन घनत्व कहते हैं
2001 की जनगणना के अनुसार उत्तराखंड का जनसंख्या घनत्व 169 था जो 2000 में बढ़कर 189 हो गया है।
उत्तराखंड का जनसंख्या घनत्व | |
1951 | 53 |
1961 | 69 |
1971 | 86 |
1981 | 90 |
1991 | 133 |
2001 | 159 |
2011 | 189 |
- राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का जनसंख्या घनत्व 382 है
- देश के राज्यों में जन घनत्व के मामले में उत्तराखंड 25 में स्थान पर है
जिलों का जनसंख्या घनत्व
जनपद | 2001 | 2011 |
हरिद्वार | 601 | 801 |
उधम सिंह नगर | 486 | 649 |
देहरादून | 415 | 549 |
अल्मोड़ा | 201 | 198 |
नैनीताल | 179 | 225 |
टिहरी गढ़वाल | 166 | 170 |
पौड़ी गढ़वाल | 131 | 129 |
चंपावत | 127 | 147 |
रुद्रप्रयाग | 115 | 122 |
बागेश्वर | 110 | 116 |
पिथौरागढ़ | 65 | 68 |
चमोली | 46 | 49 |
उत्तरकाशी | 37 | 41 |
जनसंख्या घनत्व के अनुसार राज्य का सबसे बड़ा जिला हरिद्वार और सबसे छोटा जिला उत्तरकाशी है
लिंगानुपात
प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या को लिंगानुपात कहा जाता है। 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तराखंड का लिंगानुपात 963 है।
साक्षरता
- 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तराखंड की औसत साक्षरता दर 78.82% है जो संपूर्ण देश की औसत साक्षरता दर का 73.00% से अधिक है। वही 2011 की जनगणना के अनुसार है राज्य में पुरुष साक्षरता दर 87.40% है तथा महिला साक्षरता 70.0% है
जिलों में साक्षरता दर
साक्षरता दर | कुल साक्षरता दर |
देहरादून | 84.25 |
नैनीताल | 83.88 |
चमोली | 82.65 |
पिथौरागढ़ | 82.25 |
पौढ़ी गढ़वाल | 82.02 |
रूप्रयाग | 81.30 |
अल्मोड़ा | 80.47 |
बागेश्र्व्वर | 80.01 |
चम्पावत | 79.83 |