उत्तराखंड स्‍थापना दिवस

उत्तराखंड स्‍थापना दिवस

उत्तराखंड स्‍थापना दिवस(Uttarakhand Foundation Day)
उत्तराखंड स्‍थापना दिवस(Uttarakhand Foundation Day)

उत्तराखंड स्‍थापना दिवस(Uttarakhand Foundation Day) प्रतिवर्ष 9 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन राज्य की स्‍थापना की गई थी, जब उत्तराखंड भारत का 27वां राज्य बना।


उत्तराखंड राज्‍य एक पर्वतीय राज्‍य है। जो पहले उत्तरप्रदेश राज्‍य का हिस्‍सा था। जब उत्तराखंड राज्‍य की स्‍थापना की गयी थी, उस समय प्रदेश का नाम उत्तरांचल था। जिसे बाद में बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया।

राज्‍य निमार्ण में संसदीय प्रक्रिया

  • राज्‍य निमार्ण के समय सबसे पहले उत्तरांचल राज्‍य विधेयक को लोक सभा में 1 अगस्‍त 2000 को पारित हुआ।
  • वहीं उत्तरांचल राज्‍य विधेयक को राज्‍य सभा में 10 अगस्‍त 2000 को पारित किया गया।

संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्‍य सभा में पारित होने के बाद उत्तरांचल राज्‍य विधेयक को राष्‍ट्रपति के पास भेजा गया। उस समय देश के राष्‍ट्रपति (K. R. Narayan) थे। जिनका पूरा नाम कोच्‍चेरील रामन नारायण है। जो देश के 10वें राष्‍ट्रपति थे।

  • उत्तरांचल राज्‍य विधेयक के दोनों सदनों में पास होने के बाद इसे राष्‍ट्रपति द्वारा 28 अगस्‍त सन 2000 में स्‍वीकृत किया गया। जिसके बाद उत्तरांचल को एक राज्‍य का दर्जा मिला।

 


उत्तरांचल राज्‍य विधेयक की संसदीय प्रक्रिया पूरे होने के बाद 9 नवम्‍बर सन 2000 को उत्तरांचल राज्‍य का स्‍थापना की गयी।

  • उत्तरांचल राज्‍य की स्‍थापना के बाद उत्तरांचल स्‍वतंत्र भारत का 27 वॉं राज्‍य बना।

 

  • व पर्वतीय राज्‍यों में यह देश का 11 वॉं राज्‍य है।

 

  • 9 नवम्‍बर सन 2000 से लेकर के 31 दिसम्‍बर सन 2006 तक प्रदेश का नाम उत्तरांचल राज्‍य था। तत्‍पश्‍चात 1 जनवरी सन 2007 को राज्‍य का नाम बदलकर उत्तराखंड रखा गया।

 

  • राज्‍य स्‍थापना के समय उत्तराखंड की राज्‍यधानी देहरादून को बनाया गया।

 

  • वर्तमान समय में राज्‍य की ग्रीष्‍मकालीन राज्‍यधानी गैरसैंण है। जिसे 20 जून 2020 को घोषित किया गया।

 

  • राज्‍य की प्रथम भाषा हिन्‍दी तथा द्वितीय भाषा संस्‍कृत है। संस्‍कृत भाषा को सन 2010 में राज्‍य की द्वितीय भाषा का दर्जा मिला।

 

उत्तराखंड राज्‍य में लोकसभा की 5 और राज्‍य सभा की 3 सीटें हैं।

राज्‍य में लोक सभा की सीट

  • अल्‍मोड़ा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र
  • पौढ़ी लोकसभा निवाचन क्षेत्र
  • टिहरी गढ़वाल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र
  • नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र
  • हरिद्वार लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र

 


राज्‍य का विधानमण्‍डल एकसदनात्‍मक है।

  • जिस प्रकार से केन्‍द्र में (द्विसदनात्‍मक) व्‍यवस्‍था अर्थात दो सदन लोकसभा व राज्‍य सभा होते हैं। उसी प्रकार से राज्‍य में एकसदनात्‍क व्‍यवस्‍था अर्थात एक सदन विधान परिषद होती है। इसीलिए कहा गया है, कि राज्‍य का विधानमण्‍डल एकसदनात्‍मक है।

 


उत्तराखंड राज्‍य में 13 जनपद हैंं।

उटि देह च न अपि पौरू उवाच 
उत्तरकाशी 
टि टिहरी
दे देहरादून
हरिद्वार
चमोली
नैनीताल
अल्‍मोड़ा
पि पिथौरागढ़
पौ पौढ़ी गढ़वाल
रू रूद्रप्रयाग
उधमसिंहनगर
वा वागेश्‍वर
चम्‍पावत

 


राज्‍य के 13 जनपदों को दो मण्‍डलों में बांटा गया है।

  • गढ़वाल मण्‍डल
  • कुमाऊ मण्‍डल
गढ़वाल मण्‍डल कुमाऊ मण्‍डल 
चमोली पिथौरागढ़
उत्तरकाशी बागेश्‍वर
रूद्रपयाग चम्‍पावत
टिहरी अल्‍मोड़ा
पौड़ी नैनीताल
देहरादून उधमसिंहनगर
हरिद्वार

 

गढ़वाल मण्‍डल

गढ़वाल मण्डल उत्तराखंड के पूर्वी हिमालयी प्रदेश में स्थित है। यहाँ प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिक स्थल, ऐतिहासिक किले और परंपरागत लोक संस्कृति का अद्वितीय संगम है।

 

कुमाऊ मण्‍डल

कुमाऊं मण्डल उत्तराखंड के पश्चिमी हिमालयी प्रदेश में स्थित है। यह क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक स्थल और विविध सांस्कृतिक धरोहरों से परिपूर्ण है।


 

 

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