कारक किसे कहते हैं

कारक किसे कहते हैं


विषय – कारक किसे कहते हैं

जो शब्द कर्ता, क्रिया, और  कर्म से संबंध जोड़ते हैं या इन तीनों चीजों को आपस में जोड़ते हैं उसे कारक कहते हैं।

यदि किसी वाक्य में से कारकों को हटा दिया जाए तो वाक्‍यों का निर्माण नहीं होगा।

जैसे – कृष्‍ण ने कंंश को मारा।

इस वाक्‍य में कौन कर्ता है, कौन कारक है, कौन कर्म है, और कौन क्रिया है। चलिए उदाहरण के माध्‍यम से समझते हैं।

कृष्‍ण       ने           कंश        को           मारा

  ↓       ↓          ↓         ↓             ↓

कर्ता     कारक      कर्म       कारक         क्रिया 

इस वाक्‍य में कृष्‍ण कर्ता हैं। ने कारक है, कंश कर्म है, को कारक है, और मारा एक क्रिया है। इसीलिए कहते हैं जो शब्‍द कर्ता, क्रिया, कर्म इन तीनों से सम्‍बन्‍ध जोड़ते हैं या इन तीनों को आपस में जोडते हैं। उसे कारक कहते हैं।


कारक के भेद 

कारक के मुख्‍य 6 भेद होते हैं, और कुल 8 भेद होते हैं । किस प्रकार से होते हैं। चलिए जानते हैं।

कारक के भेद
कारक का नाम मुख्‍य कारक कारक चिन्‍ह
कर्ता 1 ने।
कर्म 2 को।
करण 3 से (के द्वारा)।
संप्रदान 4 के,   को,   लिए।
अपादान 5 से  (‍अलगाव)।
संबंध कारक   का,  की,  के,  ना,  नी, ने, रा, री, रे।
अधिकरण 6 से, पै,  पर, ऊपर।
संबोधन   हे, हो, अरे, अबे।

नोट –   कारक के मुख्‍य 6 भेद – कर्ता, कर्म, करण, सम्‍प्रदान, आपादान, और अधिकरण है। (सम्‍बोधन और संबंध कारक) – कारक के मुख्‍य भेद के अन्‍तर्गत नहीं आते हैं। क्‍यों‍कि (सम्‍बोधन कारक) – कर्ता कारक से और (संबंध कारक) सम्‍प्रदान कारक से निकला है। इसलिए मुख्‍य कारकों की संख्‍या 6 और कुल कार‍कों की संख्‍या 8 होती है।


1. कर्ता कारक

जहाँ वाक्य में ( ने ) चिन्‍ह का प्रयोग प्रत्‍यक्ष/परोक्ष रूप से हुआ हो। उसे कर्ता कारक कहते हैं।

जैसे –

  • राम ने रोटी खाई।
  • बालक पुस्तक पढा।

नोट – पहले वाक्‍य में ( ने ) चिन्‍ह का प्रयोग प्रत्‍यक्ष रूप में हुआ है। वही दूसरे वाक्‍य में कारक चिन्‍ह नहीं है, अर्थात यहॉं पर कारक चिन्‍ह का प्रयाग परोक्ष रूप में हुआ है। तो हम इसमें भाव को पकडेंगे। बालक ने पुस्‍तक पढा।


2. कर्म कारक

जिन वाक्यों में शब्‍दों को जोडने के लिए (को) चिन्‍ह प्रयोग प्रत्यक्ष / परोक्ष रूप से हुआ हो, उसे कर्म कारक कहते हैं।

जैसे –

  • रमेश ने बच्‍चों को दौड़ाया।
  • उसने रोटी खायी।

नोट – पहले वाक्‍य मे कर्म कारक का चिन्‍ह का प्रयोग प्रत्‍यक्ष रूप से हुआ है। जबकि दूसरे वाक्‍य में कर्म कारक के चिन्‍ह का प्रयोग नहीं हुआ है, अर्थात परोक्ष रूप से हुआ है। उसने रोटी को खाया।


कर्म कारक के अपवाद 

यदि हिंदी वाक्‍य में निम्‍नलिखित शब्‍दों में से कोई भी शब्‍द आए चाहे उसमें कोई भी कारक का चिन्‍ह ही क्‍यों ही न हो उसमें कर्म कारक का प्रयोग होगा।

चुराना दण्‍ड – दण्डित करना बुलाना
सुलाना याच – मांगना भागना
कोसना ची – चुनना  जमाना
पुकारना बोलना परित:

जैसे – 

  • शहर के चारों ओर नदी बहती है।
  • वह गाय से दूध दुहता है।
  • वह पौधों से फूल चुनता है।
  • चोर दुकान से धन चुराता है।

3. करण कारक से (के द्वारा)

करण कारक में इस से का मतलब के द्वारा होता हैै।

  • रागिनी साईकिल से कोंचिग आयी है।
  • मुकेश कलम से पत्र लिखता है।
  • पिता जी रोग से ग्रस्‍त है।
  • वह कुल्‍हाडी से वृक्ष काट‍ते हैं।

नोट 1 – पहले वाक्‍य में रागिनी साईकिल से कोंचिग आयी है। इस वाक्‍य में ( से ) का प्रयाेग (के द्वारा) अर्थात (साईकिल के द्वारा) आयी है।

नोट 2 – मुकेश कलम से पत्र लिखता है। किसके द्वारा कलम के द्वारा। 

करण कारक – के अपवाद

अपवाद 
साथ अंग-भंग समय पूछा या समय बताया
मैं पिताजी के साथ बाजार जाता हूं आपकी घड़ी में कितने बजे हैं आज शाम 8:00 बजे राम का जन्मदिन है
मैं श्याम के साथ टहलने जाता हूं रोहन दोनों कानों से बेहरा है आज शाम 7:00 से मैच शुरू है
राम अपनी मम्मी के साथ ऑफिस जाता है कविता अपने एक पैर से लंगडी है  

साथ – जब किसी वाक्‍य में साथ की बात आ जाय। तो वह करण कारक होगा।

(अंग – भग) –  यदि किसी वाक्‍य में कहीं अंग – भंग होने की बात आ जाय या कोई टूटने- फूटने की बात आ जाय। तो वह भी करण कारक में आयेगा।

समय पूछा-समय बताया जाए –  यदि कहीं पर समय पूछा जाय समय बताया जाए। अर्थात समय से संबंधित कोई वाक्‍य दिख जाए। वह भी करण कारक होगा।


4. सम्‍प्रदान कारक को, के लिए

सम्‍प्रदान कारक में (को) शब्‍द आता है लेकिन (के लिए) में इसका अर्थ निकलता है। यदि किसी वाक्‍य में किसी चीज के लिए कोई चीज होगी। तो वह सम्‍प्रदान कारक में आयेगा।

जैसे –

  •  राम मुझसे मिलने आया है।
  •  पिताजी सब्जी खरीदने बाजार गए हैं।
  • सभी छात्र जीवन को सुखमय बनाने के लिए पढ़ रहे हैं।

सम्‍प्रदान कारक – के अपवाद 

अपवाद 
नमस्‍कार सदा के लिए दी जाए देवताओं को समर्पित
गुरु जी को नमस्कार है। राजा ब्राह्मण को दान देता है। राम का पूरा जीवन का काकतीय वंश का समर्पित है।
माता जी को सादर प्रणाम है  मैंने अपनी बाइक राम को दे दिया  

नमस्‍कार – यदि किसी वाक्‍य में नमस्‍कार शब्‍द देखे या आये ताे वह सम्‍प्रदान कारक में आयेगा।

सदा के लिए दी जाए – यदि किसी वाक्‍य में कोई चीज किसी को सदा के लिए दी जाने की बात हो तो वह सम्‍प्रदान कारक के अन्‍तर्गत आयेगा।

देवताओं को समर्पित – यदि किसी वाक्‍य में कुछ भी  देवताओं को समर्पित होने की बात हो रही हो तो वह कारक सम्‍प्रदान कारक के अन्‍तर्गत आयेगा।


5. अपादान कारक से (अलगााव) 

आपादान  का अर्थ होता है अलगाव  और अलगाव का अर्थ होता है अलग मतलब वहा पर जुड़वा नही हाेगा। वह हमेशा के लिए अलग होगा।

जैसे –   

  • गंगा हिमालय से निकलती है।
  • कुत्‍ता छत से पड़ा है।
  • श्‍याम गांव से नौकरी करने आया है।

आपादान कारक के अपवाद 

जहॉं पर दो व्‍यक्तियों या वस्‍तुओं की तुलना की जाए। वह आपादान कारक के अर्न्‍तगत आएगा।

जैसे – 

  • राघा कोमल से अधिक सुन्‍दर है।
  • पवन रोहन से बड़ा है।
  • यह कपड़ा उस कपड़े से अच्‍छा है।

6. संबंध कारक –  (का, के, की)  (ना, ने, नी)  (रा, रे, री)

जिस वाक्‍य में सम्‍बन्‍ध दर्शाया गया हो। वह संबंध कारक के अन्‍तर्गत आयेगा।

जैसे – 

  • राजा राम के दो पुत्र थेे।
  • वह मेरे मामा जी है। 

संबंध कारक के अपवाद 

जहॉं पर कोई वस्‍तु सदा के लिए न दी जाए।

जैसे –

  • मैं धोबी को कपड़े देता हूँ।
  • रामू अपने मित्र को पुस्‍तक देता है।

7. अधिकरण कारक  में,  पै,  पर/ऊपर

जैसे – 

  • सोहन छत पर पतंग उडा रहा है।     (छत के ऊपर)
  • अध्‍यापक ऑफिस में बैठे हैं।            (के अन्‍दर )
  • बच्‍चा चारपाई पर बैठा है।                (चारपाई के ऊपर)

8. सम्‍बोधन कारक –  हे,   हो,   अरे,   अबे

जैसे –

  • हे ! तुम कहॉं जा रहे हो ? 
  • अबे ! उसने ये क्‍या बना दिया ?
  • अरे ! राधा भाग गयी।

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वचन किसे कहते हैं

FAQ – Related (कारक कारक किसे कहते हैं) 

कारक किसे कहते हैं?

जो शब्द कर्ता, क्रिया, और कर्म से संबंध जोड़ते हैं या इन तीनों चीजों को आपस में जोड़ते हैं उसे कारक कहते हैं।

कारक के मुख्‍य और कुल कितने भेद होते हैं?

कारक के मुख्‍य 6 और कुल 8 भेद होते हैं।

कारक के मुख्‍य 6 भेद कौन-से हैं?

कारक के मुख्‍य 6 भेद – कर्ता, कर्म, करण, सम्‍प्रदान, आपादान, और अधिकरण है। सम्‍बोधन और संबंध कारक – कारक के मुख्‍य भेद के अन्‍तर्गत नहीं आते हैं। क्‍यों‍कि सम्‍बोधन कारक – कर्ता कारक से और संबंध कारक सम्‍प्रदान कारक से निकला है।

कर्ता कारक किसे कहते हैं?

जिन वाक्‍यों में (ने) कारक चिन्‍ह प्रयोग प्रत्‍यक्ष / परोक्ष रूप से हुआ हो। उसे कर्ता कारक कहते हैं।
जैसे – राम ने रोटी खायी।

कर्म कारक किसे कहते हैं?

जिन वाक्‍यों में (को) कारक चिन्‍ह का प्रयोग प्रत्‍यक्ष / परोक्ष रूप से हुआ हो। उसे कर्म कारक कहते हैं।

करण कारक किसे कहते है?

जिन वाक्‍यों में (से) कारक चिन्‍ह का प्रयाेग (के द्वारा) अर्थात किसी चीज के द्वारा होती हो।
जैसे – अमर बस से घर आया है।

संबंध कारक किसे कहते हैं?

जिन वाक्‍यों में संबंध दर्शाया गया हो। उसे संबंध कारक कहते हैं।
जैसे – राजा राम के दो पुत्र थे।

अपादान कारक किसे कहते हैं?

जिन वाक्‍यों में कोई चीज किसी वस्‍तु से अलग होने का भाव लगे। उसे अपादान कारक कहते हैं।
जैसे – पेड़ से पत्‍ते गिर रहे हैं।
इस कारक के कुछ अपवाद भी होते हैं।

सम्‍बोधन कारक किस कारक से निकला है?

सम्‍बाधन कारक कर्ता कारक से निकला है।

संबंंध कारक किस कारक से निकला है?

सं‍बंध कारक सम्‍प्रदान कारक से निकला है।

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