वर्ण किसे कहते हैं |
वर्ण किसे कहते हैं
मुख से निकलने वाली प्रत्येक सार्थक ध्वनि को वर्ण कहते हैं। और ध्वनि को अभिव्यक्ति की न्यूनतम इकाई कहा जाता है।
वर्णमाला किसे कहते हैं
वर्णों के समूह को वर्णमाला कहते हैं। वर्णमाला में मूल वर्णो की संख्या 44 और कुल वर्णो की संख्या 52 होती है। किस प्रकार से होती हैं। चलिए जानते हैं।
वर्णों के प्रकार / वर्णों का वर्गीकरण
वर्णमाला में वर्णों को 3 भागों में बांटा गया है। और इन 3 भागों के भेद तीन अलग-अलग भाग होते हैं।
- उच्चारण स्थान के आधार पर वर्ण
- वायु संवेग के आधार पर वर्ण
- तारत्व के आधार पर वर्ण
1. उच्चारण स्थान के आधार पर वर्ण
उच्चारण स्थान के आधार पर वर्ण दो प्रकार के होते हैं।
(i) स्वर वर्ण
(ii) व्यंजन वर्ण
i) स्वर किसे कहते हैं
जिन वर्णो का स्वतंत्र अस्तित्व होता है। या जिन वर्णों के उच्चारण में कम समय लगता है। उसे स्वर वर्ण कहते हैं। यहॉं पर स्वतंत्र अस्तित्व का मतलब है, कि जिन वर्णो का उच्चारण करते समय अन्य किसी दूसरे वर्णो की सहायता नहीं लेनी पड़ती है। और ऐसे वर्णों को मात्रा स्वर वर्ण भी कहते हैं। स्वर वर्णों की संख्या 11 होती है।
( अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, )
चलिए अब जानते हैं कि स्वर वर्णों के कितने भेद होते हैं।
स्वर वर्णों के भेद
स्वर वर्णों के मुख्यत: 4 भेद होते हैं।
- हृस्व स्वर
- दीर्घ स्वर
- संयुक्त स्वर
- प्लुप्त स्वर
i. हृस्व स्वर
जिन स्वर वर्णों के उच्चारण में सबसे कम समय लगता है। उन्हें हृस्व स्वर कहते हैं। व हृस्व स्वरों की संख्या 4 होती है।
( अ, इ, उ, ऋ, )
कुछ जानकारियां – हृस्व स्वरों को मूल स्वर भी कहा जाता है। व (अ) स्वर वर्ण को हिन्दी वर्णमाला का शहीद वर्ण कहा जाता है।
इसे आप (Practically) जल्दी समझ सकते हैं। जब आप स्वयं इन वर्णों का उच्चारण करेंगे तो आप स्वयं समझ सकते है, कि इन 4 वर्णों का उच्चारण करते समय कितना कम समय लग रहा है।
ii. दीर्घ स्वर
जिन स्वर वर्णों के उच्चारण में (हृस्व स्वर से 2 गुना समय) लगता है, उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। और दीर्घ स्वरों की संख्या 3 होती है।
( आ, ई, ऊ )
जितना समय हमें हृस्व स्वर के इन 4 वर्णों ( अ, इ, उ, ऋ, ) को बोलने मे लगता है। उससे 2 गुना समय हमें दीर्घ स्वर के इन 3 वर्णों ( आ, ई, ऊ ) के उच्चारण में लगता है।
एक बार मैं फिर आप सभी से कहना चाहता हूँ । यदि आप हिंदी व्याकरण में किसी भी topic को समझना चाहते हैं तो इसे आप केवल पढ़ के नहीं समझ सकते हैं इसे आप उच्चारण के माध्यम या गणित विषय की तरह ( Practice) करके ही बेहतर ढंग से समझ सकते हैं।
3. सयुक्त स्वर
जिन स्वर वर्णों का निमार्ण (दो या दो ) से अधिक स्वरों के मेल से होता है। उन्हें सयुक्त स्वर कहते हैं। व सयुक्त स्वरों की संख्या 4 होती है।
( ए, ऐ, ओ, औ )
चलिए अब जानते है कि ये चारों सयुक्त स्वर किन दो स्वरों के मेल से बनते है।
उदाहरण
अ/आ + इ/ई = ए (अर्थात यदि अ के बाद इ/ई आये तो ए वर्ण बनता है। और यदि आ के बाद भी इ/ई तब भी ए ही बनता है।
अ/आ + इ/ई = ए
अ/आ + ए/ऐ = ऐ
अ/आ + उ/ऊ = ओ
अ/आ + ओ/औ = औ
4. प्लुप्त स्वर
जिस स्वर के उच्चारण मे हृस्व स्वर से (3 X ) तीन गुना या उससे ज्यादा समय लगता है। उसे प्लुप्त स्वर कहते हैं। प्लुप्त स्वरों की संख्या 1 होती है। प्लुप्त स्वर को कहीं-कहीं पर ( ओ३म )और कहीं-कहीं पर ( ॐ ) दोनों प्रकार से लिखा जाता है।
नोट 1) – प्लुप्त स्वर को स्वर तो माना जाता है, किन्तु हिंदी वर्णमाला मे इसे स्थान नहीं दीया गया है।
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FAQ – वर्ण किसे कहते हैं
वर्ण किसे कहते हैं?
मुख से निकलने वाली प्रत्येक सार्थक ध्वनि को वर्ण कहते हैं।
किसे अभिव्यक्ति की न्यूनतम इकाई कहा जाता है?
ध्वनि को अभिव्यक्ति की न्यूनतम इकाई कहा जाता है।
वर्णमाला किसे कहते हैं?
वर्णों के समूह को वर्णमाला कहते हैं। और हिन्दी वर्णमाला में मूल वर्णो की संख्या 44 और कुल वर्णो की संख्या 52 होती है।
हिन्दी वर्णमाला में कुल वर्णों की संख्या कितनी होती है?
हिन्दी वर्णमाला में कुल वर्णों की संख्या 52 होती है।
हिन्दी वर्णमाला में मूल वर्णों की संख्या कितनी होती है?
हिन्दी वर्णमाला में मूूल वर्णों की संख्या 44 होती है।
हिन्दी वर्णमाला में वर्णों के भेद प्रकार होते हैं?
हिन्दी वर्णमाला में वर्णों के 3 भेद/ प्रकार होते हैं।
i. उच्चाारण स्थान के आधार वर्ण।
ii. वायु संवेग के आधार पर वर्ण।
iii. तारत्व के आधार पर वर्ण।
स्वर वर्ण किसे कहते हैं?
जिन वर्णो का स्वतंत्र अस्तित्व होता है, या जिनके उच्चारण मे कम समय लगता है। उसे स्वर वर्ण कहते हैं।
हिन्दी वर्णमाला स्वरों की संख्या कितनी होती हैं?
स्वरों की संख्या 11 होती है।
(अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ)
स्वर वर्ण कितने प्रकार के होते हैं?
स्वर वर्ण 4 प्रकार के होते हैं।
i. हृस्व स्वर।
ii. दीर्घ स्वर।
iii. सयुक्त स्वर।
iV. प्लुत स्वर।
हृस्व स्वर किसे कहते हैं?
जिन स्वर वर्णो के उच्चारण में सबसे कम समय लगता है। उन्हें हृस्व स्वर कहते हैं। और इनकी संख्या 4 होती है।
( अ, इ, उ, ऋ, )
दीर्घ स्वर किसे कहते हैं?
जिन स्वर वर्णो के उच्चारण में (हृस्व स्वर से 2 गुना समय) लगता है, उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। दीर्घ स्वरों की संख्या 3 होती है।
( आ, ई, ऊ )
सयुक्त स्वर किसे कहते हैं?
जिन स्वर वर्णों का निमार्ण (दो से दो अधिक) स्वरों के मेल से होता है। उन्हें सयुक्त स्वर कहते हैं। और इनकी संख्या 4 होती है।
( ए, ऐ, ओ, औ )
प्लुप्त स्वर किसे कहते हैं?
जिस स्वर के उच्चारण मे हृस्व स्वर से 3 गुना या उससे ज्यादा समय लगता है। उसे प्लुप्त स्वर कहते हैं। प्लुप्त स्वर की संख्या 1 होती है। प्लुप्त स्वर को कहीं-कहीं पर ओ३म और कहीं-कहीं पर ॐ दोनों प्रकार से लिखा जाता है।
इसे स्वर तो माना जाता है, किन्तु वर्णमाला मे इसे स्थान नहीं दीया गया है।