ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी |
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी (BEIC) भारत में आने वाली मात्र एक ही प्राइवेट कंपनी थी। इस कंपनी स्थापना 31 दिसंबर सन 1600 में (John Watts) और (George White) ने की थी। जिसका मुख्यालय (लंदन) ब्रिटेन में है।
- जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हो गई थी। तो इन्हें भारत से व्यापार करने के लिए एक (Certificate) की जरूरत थी। अर्थात अनुमति पत्र की जरूरत थी। अनुमति पत्र ब्रिटेन में वहाँ की महारानी देती थी। और उस समय वहाँ की महारानी एलिजाबेथ प्रथम द्वारा 15 वर्षीय चार्टर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को दिया गया।
- 15 वर्षीय चार्टर का मतलब था कि भारत में सिर्फ 15 वर्षों तक मात्र ब्रिटेन की एक ही कंपनी व्यापार करेगी। और वह थी, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी। जब तक 1833 में यह अधिकार खत्म नहीं कर दिए गया। तब तक पूरे-के-पूरे देश भारत में एक ही कंपनी हमें व्यापार करते दिखाई देती है।
- जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में आयी तो कैसे इन्होंने अपनी कंपनी को भारत में स्थापित किया चलिए समझते हैं। सबसे पहले (BEIC) दो बहुत बड़े युद्ध लड़े उन दो बड़े युद्ध के बाद ही ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में स्थापित हुई।
भारत में स्थापित होने से पहले ब्रिटिश ईस्ट इंडिया द्वारा दो मुख्य लड़े गये।
प्लासी का युद्ध
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा पहला युद्ध 23 जून 1757 में लड़ा गया। और इस युद्ध का नाम था – प्लासी का युद्ध ।
- अब प्रश्न उठता है, कि इस युद्ध का नाम प्लासी का युद्ध क्यों रखा गया। तो दोस्तों पश्चिम बंगाल का एक गांव है। जहाँ पर अत्यधिक मात्रा में पलाशी के पेड़ होते हैं। उसी स्थान के पास यह युद्ध हुआ था। इसलिए इस युद्ध का नाम प्लासी का युद्ध रखा गया।
- इस युद्ध में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया की तरफ से रॉबर्ट क्लाइव और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच हुआ। उस समय सिराजुद्दौला बंगाल के नवाब थे। इस युद्ध में एक तरफ ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी सेना और दूसरी तरफ बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला की सेना थी।
- इस युद्ध में BEIC की जीत हुई। इसके बाद अंग्रेजों ने मीर जाफर को बंगाल का कटपुतली नवाब बना दिया गया। जिसने गद्दारी की थी सिराजुद्दौला के साथ। यह केवल नाम मात्र का नवाब था क्योंकि सारे के सारे काम अंग्रेजों द्वारा करवाये जाते थे।
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बक्सर का युद्ध
प्लासी युद्ध के बाद फिर एक युद्ध हुआ। जो 22 अक्टूबर 1764 को लड़ा गया। और इस युुद्ध का नाम था – बक्सर का युद्ध।
- बक्सर बिहार का एक शहर है। बक्सर का युद्ध दो सेनाओं के बीच लड़ा गया था। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और सयुक्त सेना।
- (BEIC) की तरफ से हेक्टर मुनरो और भारत से संयुक्त सेना ने इस युद्ध को लड़ा। सयुक्त सेना की ओर से मुगल से शाह आलम द्वितीय अवध से शुजाउद्दौला और बंगाल से मीर कासिम ने सयुक्त सेना की ओर से इस युद्ध को लड़ा। लेकिन इस युद्ध में भी सयुक्त सेना की हार हुई,। और (BEIC) ने इस युद्ध को भी जीत लिया।
- इस युद्ध ने यह तय कर दिया कि अब भारत का अगला भविष्य क्या होगा। क्योंकि इस युद्ध में सयुक्त सेना की हार हो गई। इस युद्ध से भारतीय इतिहासकारों ने कहा कि अब भारत का भविष्य ब्रिटेन (यूरोपीय) के हाथों में है।
- इस युद्ध का परिणाम 1765 की इलाहाबाद की संधि व बंगाल में द्वैध शासन की व्यवस्था से शुरू हुई। और इसी समय से मुगल-शाह आलम द्वितीय को कहा गया कि अब आप मुगल बादशाह तो रहेंगे पर अब आपको पेंशन दी जाएगी। इसी के हिसाब से शाह आलम द्वितीय भारत के प्रथम पेंशनर मुगल बादशाह बन गए।
बंगााल में द्वैध शासन
द्वैध शासन का मतलब है कि इसमें दो अधिकारों को बॉंटा गया। बंगाल में द्वैध शासन 1765 में लगाया गया। जो सन 1772 तक रहा।
- दीवानी अधिकार
- निजामत अधिकार
दीवानी अधिकार –
ऐसे अधिकार जो संपत्ति से जुड़े होते हैं। उन्हें दीवानी अधिकार कहते हैं।
निजामत अधिकार –
ऐसे अधिकार जो शासन से संबंधित होते हैं। उन्हें निजामत अधिकार कहते हैं।
अंग्रेजों ने कहा की जो दीवानी अधिकार होगें। वो ब्रिटिश ईस्ट इंडिया के पास रहेंगे। और निजामत के अधिकारों को नवाबों को दे दिए गए। फिर 1765 से शुरू होता है बंगाल में घोर अंधकार छा गया। वह शहर जो भारत का सबसे समृद्ध इलाका था। उस इलाके की ब्रिटिश ईस्ट इंडिया ने ऐसी हालत कर दी कि वहां के लोग भूख से मरने लगे।
जब बंगाल में इतना सब कुछ हो गया तो अंग्रेजों के पास चार चीजें आ चुकी थी।
- भूभाग
- जनसंख्या
- संप्रभुता
- सरकार
जैसे ही अंग्रेजों के पास ये 4 चीजें आ गई, तो अंग्रेजों को इससे राज्य मिल गया, फिर वहाँ पर व्यवस्था व कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी। और राज्य की व्यवस्था हेतु कानून का निर्माण प्रारंभ हो गया। ये नियम ब्रिटिश संसद द्वारा बनाए गए। ब्रिटिश संसद ने जो नियम बनाए थे। उन नियमों को अधिनियम कहते थेे। और यही से भारत में बहुत सारे अधिनियम आए।
FAQ – ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में आने वाली पहली प्राइवेट कंपनी थी। लंदन (ब्रिटेन) में BEIC का मुख्यालय था। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी 31 दिसंबर सन 1600 में (John Watts) और (George White) ने बनाई थी। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना के समय ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ प्रथम थी। प्लासी का युद्ध 3 जून 1757 को (BEIC) की तरफ से रॉबर्ट क्लाइव और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच हुआ। इस युद्ध में (BEIC) की जीत हुई। अंग्रेजों ने प्लासी के युद्ध के बाद मीर जाफर को बंगाल का कटपुली नवाब बनाया। बक्सर का युद्ध 22 अक्टूबर 1764 को (BEIC) की तरफ से हेक्टर मुनरो और भारत से संयुक्त सेना ने इस युद्ध को लड़ा। सयुक्त सेना की ओर से मुगल से शाह आलम द्वितीय,अवध से शुजाउद्दौला, और बंगाल से मीर कासिम, ने सयुक्त सेना की ओर से इस युद्ध को लड़ा। लेकिन इस युद्ध में भी सयुक्त सेना की हार हुई। बंगाल में द्वैध शासन 1765 मे लगाया गया और यह 1772 तक रहा। ऐसे अधिकार जो संपत्ति से जुड़े होते हैं। उन्हें दीवानी अधिकार कहते हैं। ऐसे अधिकार जो शासन से संबंधित होते हैं। उन्हें निजामत अधिकार कहते हैं।भारत में आने वाली पहली प्राइवेट कंपनी कौन थी?
ब्रिटिश ईस्ट इंंडिया कंपनी का मुख्यालय कहॉं था।
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी किसने बनाई थी?
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना के समय ब्रिटेन की महारानी कौन थी?
प्लासी का युद्ध कब और किसके बीच हुआ था?
प्लासी के युद्ध के बाद अंग्रेजों ने किस बंगाल का कटपुतली नवाब बनाया?
बक्सर का युद्ध कब और किसके बीच लड़ा गया?
बंगाल में द्वैध शासन कब से कब तक था?
दीवानी अधिकार क्या होते हैं?
निजामत के अधिकार क्या होते हैं?