भारत और बांगलादेश के बीच संबंध

भारत और बांगलादेश के बीच संबंध

 

भारत और बांगलादेश के बीच संबंध

भारत और बांगलादेश के बीच संबंध


भारत बांग्‍लादेश सीमा

भारत-बांग्‍लादेश के साथ से 4096 KM की अंतराष्‍ट्रीय सीमा बनाता है। जिसे भारत के 5 राज्‍य मिलकर बनाते हैं। 

  • पश्चिम बंगाल
  • त्रिपुरा
  • मेघालय
  • मिजोरम
  • असम

 


भारत के 5 राज्‍य मिलकर बांग्‍लादेश के साथ 4096 KM की अन्‍तराष्‍ट्रीय सीमा बनाते हैं। तथा (बांग्‍लादेश) – भारत के साथ सबसे ज्‍यादा अंतर्राष्‍ट्रीय सीमा बनाने वाला देश है।

 

  • पश्चिम बंगाल भारत का एक ऐसा राज्‍य है, जो बांग्‍लादेश के साथ सबसे ज्‍यादा अंतर्राष्‍ट्रीय सीमा बनाता है।

 

  • असम भारत का वह राज्‍य है, जो बांग्‍लादेश के साथ सबसे कम अंतर्राष्‍ट्रीय सीमा बनाता है।

 

  • भारत का त्रिपुरा राज्‍य तीनों ओर से बांग्‍लादेश की अन्‍तर्राष्‍ट्रीय सीमा से घिरा हुआ है।

 

  • बांग्‍लादेश और त्रिपुरा राज्‍य के बीच स्थित अन्‍तराष्‍ट्रीय सीमा को ( 0) जीरो लाइन कहते हैं।

 


भारत-बांग्‍लादेश के बीच प्रमुख मुद्दे

 

अवैध प्रवासन 

बांग्लादेश से हर साल कई लोग भारत आ जाते हैं, जिससे भारत में लगातार जनसंख्या का दबाव बढ़ता जा रहा है। इसी मुद्दे के चलते हुए असम में (NRC)  नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटज़न्‍स – बनाई जा रही है।

 


सुंदरवन विवाद

सुंदरवन एक मैग्रोव वनस्‍पति है। यह भारत व बांग्लादेश के मध्य स्थित है, यह एक प्रकार का डेल्टा है। सुंदरवन का नाम सुंदरवन क्यों पड़ा – जो सुंदरवन है, वहॉं पर एक वृक्ष पाया जाता है, उसे वृक्ष का नाम है, सुंदरी। इससे ही सुंदरवन का नाम सुंदरवन पड़ा। 

सुंदरवन एक प्रकार से भारत और बांग्लादेश के बीच विवादों में रहता है। सुंदरवन का दक्षिणी इलाका भारत में आता है। इसे भारत का ( 27वां ) रामसर भूमि भी घोषित किया गया है।

 


डेल्‍टा क्‍या है 

डेल्टा जब एक नदी बहती हुई आती है, तो वह पहले तेज गति से पहाड़ों पर्वतों नीचे समतल मैदान आती है। और जब नदियॉं मैदान में आती है तो उसकी गति धीमी हो जाती है। और नदी कई धाराओं में बट जाती है, और जब नदी अलग – अलग धाराओं में बट जाती है तो इससे एक स्‍थल आकृति बनती है। इसी आकृति को हम डेल्टा कहते हैं।

भारत की दो बड़ी नदियॉं हैं, गंगा और ब्रहमपुत्र नदी। और गंगा जब बांग्‍लादेश में जाती है, तो इसे पदमा नदी के नाम से जाना जाता है। व ब्रहमपुत्र जब बांग्‍लादेश में जाती है, तो इसे जमुना के नाम से जाना जाता है। और ये दोनों नदियॉं जब आपस में मिल जाती है, तो इसे मेघना नदी के नाम से जाना जाता है।

और जो मेघना नदी है, वो एक डेल्‍टा का निर्माण करती है। और ये डेल्‍टा दो भागों में बॉंटा हुआ है। इस डेल्‍टा का जो पश्चिमी भाग है, वो पश्चिम बंगाल अर्थात भारत में आता है। जबकि इसका पूर्वी इलाका बांग्‍लादेश में आता है।  इस डेल्‍टा को ही सुंदरवन का डेल्‍टा कहा जाता है। जो कि दुनिया का सबसे बड़ा डेल्‍टा है। 

तो हम यहॉं पर कह सकते हैं कि गंगा और ब्रहमपुत्र नदीयों के द्वारा  दुनिया का सबसे बड़ा डेल्‍टा बनाया जाता है। जिसे सुंदरवन डेल्‍टा कहा जाता है।


हाल ही में भारत वाले सुंदरवन डेल्‍टा को भारत का (27वां) रामसर स्‍थल घोषित किया गया है। और ये भारत की सबसे बड़ी रामसर भूमि है।

सुंदरवन डेल्‍टा में मैंग्रोव नाम की वनस्‍पति पायी जाती है। और उसी में एक का नाम सुंदरवन है। व सुंदरी नाम के वृक्ष के नाम पर इस डेल्‍टा का नाम सुंदरवन डेल्‍टा रखा गया। 

मैंग्रोव – मैंग्रोव एक प्रकार की वनस्पति है। जो उन क्षेत्रों में पाई जाती है जहां खड़े वह मीठे पानी का मिश्रण होता है यह जल में पनपन वाली वनस्पति होती है।

रामसर स्‍थल क्‍या है

यह आद्र भूमि संरक्षण हेतु एक प्रोग्राम है। रामसर एक शहर का नाम है जो ईरान में स्थित है। और वहाँ 2 फरवरी 1971 में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया\था। और इस आयोजन में  कहा गया कि दुनिया की जितनी भी आद्र भूमिया हैंं। उन सब का हमें संरक्षण करना चाहिए क्योंकि वह पर्यावरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

ईरान में उसके बाद 2 फरवरी 1971 में यह सम्मेलन हुआ तब से विश्व की हर देश में कहा जाने लगा आपके यहां जितनी भी आधार भूमिया हैं उन सभी भूमियों को रामसर आधार भूमि के रूप में जाना गया क्योंकि यह सम्मेलन 2 फरवरी को हुआ था। इसलिए हम रामसर दिवस 2 फरवरी को मानने लगे।

 


तीस्ता नदी विवाद

तीस्ता नदी को लेकर भारत व बांग्लादेश के बीच विवाद है। तीस्ता नदी का उदगम स्‍थल सिक्किम राज्‍य से होता है। और सिक्किम में एक झील है जिसका नाम है (So Lhamo Lake) और (Zemu Glacier)। तो  (So Lhamo Lake) एक छोटी-सी धारा निकलती है, और (Zemu Glacier) से उसको बहुत सारा पानी मिलता है। इसीलिए (Zemu Glacier) को तीस्‍ता नदी का उदगम स्‍थल कहा जाता है। 

तीस्‍ता नदी भी आगे जाकर ब्रहमपुत्र नदी में जाकर मिलती है। व तीस्‍ता नदी भी एक प्रकार से ब्रहमपुत्र की सहायक नदियों में गिनी जाती है। तीस्‍ता नदी सिक्किम की सबसे प्रमुख नदी है। और तीस्‍ता की सबसे प्रमुख सहायक नदी रंगित/रंगोत नदी है।   

अब जानते हैंं, तीस्‍ता नदी को लेकर विवाद क्‍या है

तीस्‍ता नदी सिक्किम से होकर बांग्‍लादेश में जाती है और बांग्‍लादेश में जाकर यह नदी ब्रहमपुत्र नदी से मिल जाती है। तीस्‍ता नदी बांग्‍लादेश की चौथी सबसे महत्‍वपूर्ण नदी मानी जाती है। और शुरूआत से इस बात को लेकर विवाद होता रहा कि तीस्‍ता नदी का कितना पानी भारत Use करेगा। और कितना पानी बांग्‍लादेश Use करेगा।

तो इस विवाद को सुलझाने के लिए 1983 भारत और बांग्‍लादेश में तीस्‍ता नदी के पानी को लेकर एक एग्रीमेंट हुआ। उसे समझौते मे कहा गया तीस्ता नदी का 39% पानी भारत इस्‍तेमाल करेगा। 36% जो पानी है वो बांग्‍लादेश Use करेगा। और जो 25% पानी है, उसे नदी में रहने दीया जायेगा।

अब बांग्लादेश बार-बार ये (Demand) कर रहा है, भारत से हमें (December) से (May) के बीच में हमें 50% तीस्‍ता का पानी दिया जाय। क्‍योंकि (December) से (May) के बीच में हमें सबसे ज्‍यादा पानी की जरूरत होती है तो हम तीस्‍ता नदी का 50% पानी चाहते हैं। ये बांग्‍लादेश की (Demand) है। अब इसके लिए एक नया समझौता किया गया।

बांग्‍लादेश की इस (Demand) को देखते हुए 2011 में एक नया (Aggrement) किया गया। और इस समझौते में कहा गया कि (42.5%) पानी भारत इस्‍तेमाल करेगा। और (37.5%) पानी बांग्‍लादेश इस्‍तेमाल करेगा।

लेकिन भारत में जो नदियॉं हैं वो राज्‍यों का विषय होते हैं। और तीस्‍ता नदी केवल सिक्किम से होकर नहीं गुजरती। सिक्किम के बाद ये नदी भारत के पश्चिम बंगाल से भी होकर जाती है। तो ममता बेनर्जी जो की मुख्‍यमंत्री पश्चिम बंगाल की उन्‍होंने इस समझौते को नही माना।तो 2011 की ये Aggrement नहीं हो पाया है।

यही विवाद है, तीस्‍ता नदी को लेकर के भारत और बांग्‍लादेश के बीच में।


बांग्‍लादेश चाहता है उसे और ज्‍यादा पानी मिले। और इसी बात को लेकर वो लगातार Claim करता रहता है। लेकिन तीस्‍ता नदी भारत के लिए भी उतनी ही जरूरी है। क्‍योंकि पहाड़ी क्षेत्रों में हाइड्रो पॉवर प्‍लानट लगाये जायेंगे। और साथ-ही-साथ तीस्‍ता नदी पश्चिम बंगाल के लिए भी बहुत महत्‍वपूर्ण है।

 


फरक्का बैराज

अगला मुद्या जो भारत और बांग्‍लादेश के बीच में है वो (फरक्‍का बैराज) को लेकर के है। बैराज एक प्रकार का बांध होता है। और आप जानते हैं, बांध के द्वारा नदी का पानी रोका जाता है। और उसके तीन काम होते हैं।

  • पहला पानी रोकने के बाद वहॉं से नहरें निकाली जाती है, जिसका काम सिंचाई के लिए होता है।
  • दूसरा वहॉं पर हाइड्रो पाॅवर लगाए जाते हैं। जिससे विद्युत का उत्‍पादन किया जाता है।
  • और तीसरा उस क्षेत्र का उपयोग मत्‍स्‍य पालन और पर्यटन के लिए किया जाता है।

अब समझते फरक्‍का बैराज क्‍या है, और विवाद है, चलिए समझते हैं।

भारत की एक महत्‍वपूर्ण नदी है। जो उत्तराखंड से निकलती है और इस नदी का नाम है, गंगा। गंगा भारत के बाद बांग्लादेश में जाती है और यह बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। गंगा नदी भारत की जीवन रेखा भी कहा जाता है।

गंगा नदी की एक वितरिका ( Distributary) है, जिसका नाम है हुगली नदी। वह हुगली नदी के किनारे एक बंदरगाह है जिसे कहा जाता है कोलकाता बंदरगाह। इस बंदरगाह को एक और नाम दिया गया है वह है (पूर्व का लंदन)।

 


तिपाईमुख बांध

‘तिपाईमुख बांध’ मणिपुर में स्थित है। जो कि बराक नदी पर बनाया गया है। मणिपुर से एक नदी निकलती है, बराक और मणिपुर से होते हुए ये नदी बांग्‍लादेश पहुँचती है। और बांग्‍लादेश मे ये नदी ब्रहमपुत्र नदी में मिल जाती है।

ब्रहमपुत्र नदी को बहुत सारा पानी बराक नदी से भी मिलता है। तो जब भारत सरकार ने मणिपुर में तिपाईमुख बांध बनाया। तो बांग्‍लादेश ने उस पर (Objection) लिया‍ कि इससे हमारे यहॉं (Water crisis) आ सकता है। क्‍योंकि ब्रहमपुत्र में नदी में पानी कि कमी होगी।

हां‍लाकि ये मामले को बाद मे सुलझाया गया था। बराक नदी का (Origin) मणिपुर से ही होता है।

 


तीन वीघा कॉरिडोर

तीन वीघा कॉरिडोर भारत और बांग्‍लादेश के बीच में विवाद नहीं बल्कि एक friendship वाला विषय है। जिसे तीन वीघा कॉरिडार कहा जाता है।

इस टॉपिक को समझने से पहले एक शब्‍द हमें समझना होगा। और इस शब्‍द का नाम है, (Enclave) और इसे हिंदी में अंत:क्षेत्र कहा जाता है। अब इस शब्‍द का मतलब क्‍या है।

माना कोई दो क्षेत्र हैं।  A और B क्षेत्र। अब होता क्‍या है कि A भाग वाले के कुछ क्षेत्र B वाले भाग के क्षेत्र के अन्‍तर्गत आ जाते हैं। B भाग वाले के कुछ क्षेत्र के A भाग वाले क्षेत्र के अन्‍तर्गत आ जाते हैं। तो ऐसे क्षेत्रों को अंत:क्षेत्र कहते हैं। या हम कह सकते हैं, ऐसे क्षेत्र जो एक-दूसरे क्षेत्र के अन्‍तर्गत आते हैं। उन्‍हें अंत:क्षेत्र कहते हैं।


अब जब हम भारत और बांग्‍लादेश की सीमा को बहुत ध्‍यान से देखेंगे। तो भारत और बांग्‍लादेश की सीमा आसान नहीं है समझने के लिए। क्‍योंकि वहॉं पर बहुत सारे पहाड़ हैं, ऊपरी वाले हिस्‍से में, फिर वहॉं नदियॉं हैं, और नदियों के द्वारा छोटे-छोटे टापू बना दीए जाते है,  डेल्‍टा बना दिए जाते हैं। तो बहुत आसानी से ये विभाजन नहीं हो पाया कि भारत बांग्‍लादेश के बीच में Boundary कैसे बनायी जाए। और आनंद- फानंद में रेडक्लिप ने उस समय वो (Boundary) बना दी।

तो उसकी वजह से क्‍या हुआ कि कुछ इलाके जो बांग्‍लादेश के हैं, वो भारत के अंदर आ गए। और कुछ इलाके जो भारत के हैं, वो बांग्‍लादेश के अन्‍दर आ गए।

ऐसे में भारत के जो (111) हिस्‍से थे, वो बांग्‍लादेश में आ गए थे। और बांग्‍लादेश के (51) हिस्‍से ऐसे थे, जो भारत में आ गए थे। तो इस मुद्दे को सुलाझाया गया (100वें) संविधान संशोधन के द्वारा।


लेकिन उससे पहले भारत और बांग्‍लादेश के बीच एक (तीन वीघा कोरिडोर) बनाया गया। क्‍यों बनाया गया समझते हैं।

तीन वीघा कोरिडोर बांग्‍लादेश के दोहग्राम और अंगपोता अन्‍त:क्षेत्र को शेष बांग्‍लादेश से जोडता है। और तीन वीघा कोरिडोर को (पश्चिम बंगाल) के कूचबिहार जिल्‍ले में बनाया गया है। जिसकी 26 जून 1992 को की गई थी। और 2011 से इसे 24 घंण्‍टे के लिए खोल दिया गया।

भारत बांग्‍लादेश संबंध


ट्रेन / Train

भारत व बांग्लादेश के बीच 3 ट्रेने चलती हैं।

मैत्री एक्सप्रेस – यह ट्रेन भारत और बांग्लादेश के बीच (2008) में शुरू हुई थी। जो कोलकाता से ढाका (बांग्‍लादेश ) तक जाती है।

बंधन एक्सप्रेसयह ट्रेन (2018) से कोलकाता से बांग्लादेश की एक सिटी है। (खुल्‍ला ) तक जाती है।

मिताली एक्‍सप्रेस – यह ट्रेन भारत और बांग्‍लादेश के बीच 1 जून 2022 को शुरू हुई। जो (Haldibari) से  (Chilahati) तक जाती है।

 


भूमि सीमा विवाद

यह विवाद जब बांग्लादेश देश का निर्माण हुआ था उससे पहले का विवाद है। सन 1971 में जब इंदिरा गांधी वह रहमान साहब उसे समय से इस विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहे थे या हो रही थी।

यह भी बात तब सुलझा जब हमने 2015 में 100 वां संविधान संशोधन किया कुछ भी बांग्लादेश के 51 द्वीप भारत में थे और भारत के 111 द्वीप भारत के बांग्लादेश में थे। तो यह समझौता हुआ था रहमान साहब व इंदिरा गांधी के बीच में जो भारत के द्वीप बांग्लादेश में आए हैं वह बांग्लादेश रख सकता है और जो बांग्लादेश के बीच भारत में आए हैं वह भारत रख सकता है पर यह मामला काफी लंबा चला गया जब शोभा संविधान संशोधन हुआ जिसे हम भूरीवाद समझौता भी कहते हैं।


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FAQ – भारत-बांग्‍लादेश संबंध

भारत बांग्‍लादेश के साथ कितने किलोमीटर की सीमा साझा करता है?

भारत बांग्‍लादेश के साथ 4096 KM की सीमा साझा करता है।

भारत के कितने राज्‍य बांग्‍लादेश के साथ सीमा अंतर्राष्‍टीय सीमा बनाते है?

भारत के 5 राज्‍य ( पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम और असम ) बांग्‍लादेश के साथ अंतर्राष्‍टीय सीमा बनाते हैं।

भारत कौन-सा राज्‍य बांग्‍लादेश के साथ सबसे ज्‍यादा अंतर्राष्‍ट्रीय सीमा बनाते हैं?

भारत का (पश्चिम बंगाल राज्‍य) बांग्‍लादेश के साथ सबसे ज्‍यादा अंतर्राष्‍ट्रीय सीमा बनाता है।

भारत कौन-सा राज्‍य बांग्‍लादेश के साथ सबसे कम अंतर्राष्‍ट्रीय सीमा बनाते हैं?

भारत का (असम राज्‍य ) बांग्‍लादेश के साथ सबसे कम अंतर्राष्‍ट्रीय सीमा बनाता है।

कौन-सा देश भारत के साथ सबसे ज्‍यादा अंतर्राष्‍ट्रीय सीमा बनाता है?

बांग्‍लादेश भारत के साथ सबसे ज्‍यादा ( 4096) KM की अंतर्राष्‍ट्रीय सीमा बनाता है।

सुंदरवन का विवाद किन दो देशों के बीच में है?

सुंदरवन का विवाद भारत और बांग्‍लादेश के बीच में है।

भारत के किस वन में मैग्रोव नामक वनस्‍पति पाई जाती है?

भारत के सुंदरवन में मैग्राेव नामक वनस्‍पति पाई जाती है।

तीस्‍ता नदी का विवाद किन दो देशों के बीच में है?

तीस्‍ता नद का विवाद भारत और बांग्‍लादेश के बीच में है।

भारत और बांग्‍लादेश के बीच में कितनी ट्रेनें चलती है?

वर्तमान समय 2023 तक भारत और बांग्‍लादेश के बीच मे 3 ट्रेनें चलती है। मैत्री एक्‍सप्रेस, बंधन एक्‍सप्रेस, मैताली एक्‍सप्रेस।

मैत्री एक्‍सप्रेस ट्रेन भारत और बांग्‍लादेश के बीच कब शुरू की गयी?

मैत्री एक्‍सप्रेस ट्रेन भारत और बांग्‍लादेश के बीच (2008 ) में शुरू की गयी। जो कोलकाता से ढाका (बांग्‍लादेश ) तक जाती है।

बंधन एक्‍सप्रेस ट्रेन भारत और बांग्‍लादेश के बीच कब शुरू की गयी?

बंधन एक्‍सप्रेस ट्रेन भारत और बांग्‍लादेश के बीच ( 2018) में शुरू की गयी। जो कोलकाता से बांग्लादेश की एक सिटी है। (खुल्‍ला ) तक जाती है।

मैताली एक्‍सप्रेस ट्रेन भारत और बांग्‍लादेश के बीच कब शुरू की गयी?

मैताली एक्‍सप्रेस ट्रेन भारत और बांग्‍लादेश के बीच (1 जून 2022 को शुरू) की गयी। जो (Haldibari) से  (Chilahati) तक जाती है।

तीन वीघा कॉरिडोर क्‍या है?

तीन वीघा कॉरिडोर भारत और बांग्‍लादेश के बीच में विवाद नहीं बल्कि एक (friendship) वाला विषय है। जिसे तीन वीघा कॉरिडार कहा जाता है।

तीन वीघा कॉरिडोर कहॉं बनाया गया है?

तीन वीघा कॉरिडोर को (पश्चिम बंगाल) के कूचबिहार जिल्‍ले में बनाया गया है।  26 जून 1992 को इसकी शुरूआत की गई थी।

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